
नागौर (राजस्थान). नागौर जिले के खींवसर क्षेत्र के लालावास गांव में रविवार को एक शादी समारोह के दौरान बड़ा हादसा होते-होते टल गया। कार्यक्रम में शामिल हुए एक 50 वर्षीय मेहमान को अचानक दिल का दौरा पड़ा और उसकी धड़कनें बंद हो गईं। मौके पर मची अफरा-तफरी के बीच एक डॉक्टर ने वक्त पर कदम उठाते हुए उसकी जान बचा ली।
यह मेहमान बेहोश होकर गिर पड़ा, और कुछ ही पलों में उसकी सांसें थम गईं। संयोग से मौके पर मौजूद जेएलएन अस्पताल, नागौर के कार्डियक केयर यूनिट प्रभारी डॉ. सहदेव चौधरी ने हालात को तुरंत भांपा। बिना देर किए उन्होंने CPR (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) देना शुरू किया। लगातार 10 मिनट तक CPR देने के बाद मरीज ने दोबारा सांस लेना शुरू कर दिया, जिससे वहां मौजूद लोगों ने राहत की सांस ली।
डॉ. चौधरी यहीं नहीं रुके, बल्कि तत्काल एम्बुलेंस बुलवाकर मरीज को जोधपुर स्थित एमडीएम हॉस्पिटल के लिए रवाना किया। वे खुद मरीज के साथ अस्पताल तक गए और रास्ते भर उसकी स्थिति पर नजर बनाए रखी। स्थानीय लोगों और परिजनों ने डॉक्टर की इस तत्परता और संवेदनशीलता की सराहना की। उन्होंने कहा कि अगर डॉक्टर समय पर CPR नहीं देते, तो शायद बड़ी अनहोनी हो सकती थी। 24 घंटे के बाद यानी कल रात तक मरीज आधे से ज्यादा सही हो चुका है।
यह घटना न सिर्फ मानवता की मिसाल है, बल्कि बताती है कि आपात स्थिति में प्राथमिक चिकित्सा और CPR का ज्ञान जीवन रक्षक साबित हो सकता है।
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