
Neonatal Care Lion Cub: जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में एक बेहद खास नन्हा नर शेर शावक है, जिसने न केवल वन्यजीव प्रेमियों का दिल जीता है, बल्कि संरक्षण के नए आयाम भी स्थापित किए हैं। महज दो महीने की उम्र में यह शावक ‘स्पेशल केयर’ में है, जहां उसकी देखभाल और पोषण के लिए एक अनोखी डाइट तैयार की गई है। क्या यह महंगा दूध इस नन्हे शावक की जान बचा पाएगा?
नाहरगढ़ शेर शावक की डाइट में शामिल है अमेरिका से मंगाया गया ‘पेटलैक’ पाउडर मिल्क। यह दूध शेरनी के दूध जैसा पोषण प्रदान करता है, जिसमें प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स का संतुलित मिश्रण होता है। 200 ग्राम इस पाउडर की कीमत लगभग 12 हजार रुपये है, और शावक रोजाना डेढ़ लीटर दूध पीता है। रोजाना इस दूध पर करीब 90 हजार रुपये खर्च हो रहे हैं।
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14 अक्टूबर 2025 को जन्मे इस शावक का वजन मात्र 900 ग्राम था, जो सामान्य शेर शावक के औसत से बहुत कम है। जन्म के बाद शेरनी ‘तारा’ ने दूध पिलाना बंद कर दिया, जिससे वन विभाग ने नियोनेटल केयर यूनिट में इसे रखा। वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ. अरविंद माथुर ने इसके स्वास्थ्य की जिम्मेदारी ली।
शावक को हर 3-4 घंटे दूध पिलाया जाता है। इसके अलावा चिकन सूप से उसकी इम्युनिटी भी बढ़ाई जा रही है। इस विशेष देखभाल के पीछे यह मकसद है कि कमजोर शावक स्वस्थ शेर बन सके और वन्यजीव संरक्षण का उदाहरण पेश कर सके।
विश्व शेर दिवस के मौके पर नाहरगढ़ का यह नन्हा VIP शेर वन्यजीव संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रेरक उदाहरण है। सही देखभाल, समय पर उपचार और खास पोषण से संकट में फंसे शावक भी जीवित और स्वस्थ रह सकते हैं।
इस नन्हे शावक की कहानी यह दिखाती है कि वन्यजीव संरक्षण के लिए संसाधन और तकनीकें कितनी अहम हैं। क्या भारत के अन्य पार्क भी इस मॉडल को अपनाकर वन्यजीवों के जीवन को बचा पाएंगे? नाहरगढ़ की टीम की उम्मीद है कि यह शावक जल्द ही पूरी तरह स्वस्थ होकर पार्क का मुख्य आकर्षण बनेगा।
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