
जयपुर. राजस्थान में इन दिनों नवरात्रि का पर्व चल रहा है। इसी बीच राजस्थान के मेवाड़ इलाके के ही नहीं बल्कि प्रदेश की प्रमुख शक्तिपीठों में से एक ईडाणा माता ने अग्नि स्नान किया। मंदिर परिसर में आग लगना शुरू हुई। 25 मिनट तक लगी इस आग में मूर्ति के आसपास का सब कुछ सामान जल गया लेकिन माता की मूर्ति को कुछ नहीं हुआ। इसके बाद माता का नया श्रृंगार किया गया।
देवी मां का अग्निस्नान देखने के लिए दूर-दूर से आते हैं भक्त
आपको बता दें कि इस अग्निस्नान को देखने के लिए राजस्थान ही नहीं बल्कि दूसरे देशों से भी लोग यहां आते हैं। लेकिन माता के अग्निस्नान का समय कोई फिक्स नहीं होता है। ऐसे में हर इंसान को यह देखने का मौका नहीं मिल पाता है। हालांकि जैसे ही माता की अग्नि स्नान की खबर लगती है तो आसपास के लोग मंदिर में जुटना शुरू हो जाते हैं।
जो इस पल को देखता वो होता है भाग्यशाली
दरअसल मान्यता है कि मेवल की महारानी नाम से पहचाने जाने वाली ईडाणा माता काफी बार अग्निस्नान करती है। जो भी इसे देखता है वह भाग्यशाली माना जाता है। इससे पहले 28 मार्च को अग्निस्नान हुआ था।
मंदिर में अपने आप लगती है आग और बुझ भी जाती
यह अग्निस्नान जानबूझकर नहीं करवाया जाता बल्कि मंदिर में अचानक अपने आप ही आग लगती है। इस मंदिर से जुड़ी सबसे अनोखी मान्यता यह है कि मंदिर में मूर्ति के दर्शन करने के बाद लकवे के रोगी भी ठीक हो जाते हैं। वही माता की इस मंदिर में भक्तों श्रद्धालु त्रिशूल चढ़ाते हैं और इसके अलावा कई भक्त चुनर भी चढ़ाते हैं। मंदिर में ही एक बड़ी भोजनशाला भी है जिसमें रोज हजारों लोग खाना खाते हैं।
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