NEET UG 2023 Result : मंगलवार रात नीट यूजी 202 का रिजल्ट जारी हो गया है। राजस्थान में हजारों स्टूडेंट्स को इसमें सफलता मिली है। अलवर जिले के रहने वाले एक मजदूर की बेटी भी नीट एग्जाम पास कर डॉक्टर बन गई है।
अलवर. नीट यूजी 2023 के परिणामों में राजस्थान पूरे देश में तीसरे नंबर पर रहा है । यह पहली बार है कि जब राजस्थान की रैंकिंग पूरे देश में काफी हद तक सुधर गई है। राजस्थान के कोटा जिले में देश भर से नीट की तैयारी करने आने वाले छात्रों के कारण यह संभव हो सका । ऑल इंडिया के टॉप 50 छात्रों में 16 कोटा राजस्थान से हैं। लेकिन इस बीच ऐसे भी कई छात्र हैं जिन्होंने संघर्षों पर अभावों के बावजूद भी अपने ड्रीम को पूरा कर लिया । ऐसी ही एक छात्रा है अलवर की रहने वाली नेहा ।
नेहा की नीट रिजल्ट में ऑल इंडिया 3745 रैंक आई है
नेहा की ऑल इंडिया 3745 रैंक आई है । तीसरे प्रयास में सही लेकिन वह अब डॉक्टर बन गई है। दूसरी बार उसकी 27000 भी रैंक आई थी, लेकिन उसने फिर से तैयारी करना उचित समझा। नेहा के पिता विक्रम सिंह ने बताया कि उनका परिवार मंडावर इलाके के चांदपुर गांव में रहता है । घर में पति पत्नी के अलावा दो बेटियां हैं । परिवार और रिश्तेदार कहते थे जब तक बेटा नहीं होता तब तक वंश पूरा नहीं होता। लेकिन हमने बेटियों को ही बेटे का दर्जा दिया और उसके बाद बेटियों ने आज वो कर दिखाया जो शायद बेटे नहीं कर पाते ।
डॉक्टर बेटी का परिवार दूध बेंचकर करता है गुजारा
विक्रम सिंह ने बताया कि उनके पास कुछ मवेशी है । इन्हीं का दूध बेच कर घर का गुजारा होता है । साथ में नरेगा में मजदूरी भी करते हैं। नेहा की मां का कहना था कि मानो आज हर सपना पूरा हो गया है। दुनिया की सारी खुशी हमारी बेटी ने हमें दे दी है । नेहा और नीतू दो बेटियां हैं। नेहा ने दसवीं क्लास में बताया था कि वह डॉक्टर बनना चाहती है। उसके पिता ने इसके लिए जी तोड़ मेहनत की । बेटी को पढ़ने के लिए सीकर जिले में भेजा।
अलवर जिले का नेहा ने किया नाम रोशन
पिता ने कहा कि आज मेरी बेटी ने पूरे अलवर जिले का और पूरे परिवार का नाम रोशन कर दिया। नेहा का कहना है कि वह दो प्रयास कर चुकी थी , लेकिन मन के अनुसार सफलता नहीं मिली थी। उसने प्रयास जारी रखें परिवार ने पूरा सपोर्ट किया और हर वह सुविधा दी जो डॉक्टर बनने के लिए जरूरी थी । अब खुद पर गर्व महसूस हो रहा है कि पिता नरेगा में मजदूरी करते हैं और हमने उनका नाम रोशन किया है ।
बधाई देने वालों का लगा तांता...मन रहा उत्सव
नेहा की कैटेगरी वाइज 1215 वी रैंक है। नेहा पढ़ाई में शुरू से होशियार थी। वह दसवीं क्लास तक नवोदय स्कूल में पढ़ी थी। उसके बाद 11वीं क्लास से उसे सीकर जिले में पढ़ने के लिए भेज दिया था और आज उसने अपने परिवार का नाम रोशन किया। पिता ने कहा कि देर रात जब बेटी का परिणाम आया तो सवेरे सभी लोगों को मिठाई खिलाई । उसके बाद नरेगा पर काम करने जाने के दौरान वहां पर सभी साथियों को मिठाई बाटी। बेटी ने इतनी खुशी दी है कि मानो हम सातवें आसमान पर हैं।