
हिंदु धर्म में गाय को माता का दर्ज दिया गया है। लेकिन इस कथन को सत्य कर दिखाया है राजस्थान में पाली के एक बिजनेसमैन ने, जिन्होंने 15 साल तक गाय की अपने परिवार की सदस्य की तरह देखभाल और सेवा की। अब जब गाय की मौत हो गई तो ठीक अपनी मां की तरह ना सिर्फ शोक जताकर क्रिया कर्म किया, बल्कि शोक संदेश की पत्रिका भी छपवाई गई। इतना ही नहीं शोकाकुल परिवार में पत्नी, बेटी और पोतियों के नाम भी लिखवाए हैं। अब पत्र और अटूट प्रेम की खूब चर्चा हो रही है।
दरअसल, यह बिजनेसमैन 68 साल के जगदीश रावल हैं, जिनकी पहचान गो-सेवक के तौर पर भी होती है। उनका गाय के प्रति इतना अटूट प्रेम है कि उन्होंने अपनी गायों के नाम, अपनी पत्नी, बेटी-पोती और बहुओं के नाम रखे हैं। इन्हीं में एक उनकी सबसे प्यारी 'काजल' नाम की गाय की 16 दिसंबर को मौत हो गई। गाय के निधन से पूरा परिवार इस तरह दुखी है, जैसे उनके किसी फैमिले मेंबर की जान चली गई है।
अब तखतगढ़ के बिजनेसमैन जगदीश रावल ने गाय के निधन के बाद 26 दिसंबर को एक अपने फॉर्म हाउस पर एक बैठक और प्रसादी भी रखी है। इसके लिए अपने परिचितों-रिश्तेदार और आसपास के लोगों को बुलाने हेतु एक शोक पत्र छपवाया है। जिसमें शोकाकुल परिवार और सदस्यों के नाम भी लिखे गए हैं।
बता दें कि जगदीश रावल मूल रूप से गुजरात के रहने वाले हैं। जिनका मुख्य तौर पर इलेक्ट्रिक का बिजनेस है। उन्होंने तखतगढ़ गांव के पास बलाना में 7 बीघा का फॉर्म हाउस बना रखा है। जिसमें उनके पास 12 गाय हैं, जिनकी परिवार के सदस्य की तरह देखभाल करते हैं। जिस काजल गाय का निधन हुआ है वह उनके भांजे राकेश रावल ने गिफ्ट की थी, जो उनके सबसे ज्यादा प्रिय थी। 18 साल से वह उसकी सेवा कर रहे थे। लेकिन जब वह दुनिया छोड़कर गई तो वह ना सिर्फ रोए, बल्कि उसका विधि-विधान से अंतिम संस्कार भी किया।
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