
अजमेर. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में तीर्थयात्रियों पर हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। जहां एक ओर आम जनता सड़कों पर उतरकर इसका विरोध कर रही है, वहीं देश के धार्मिक और आध्यात्मिक नेता भी अब खुलकर इस पर बोलने लगे हैं। अजमेर शरीफ दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने इस हमले को इस्लाम और इंसानियत दोनों के खिलाफ बताया है।
उन्होंने तीखे शब्दों में कहा, "जो लोग धर्म पूछकर इंसानों को मार रहे हैं, वे मुसलमान कहलाने के लायक नहीं हैं। ये हरकत इस्लाम की नहीं, हैवानियत की निशानी है।" दरगाह दीवान ने कहा कि कुरान में कहीं नहीं लिखा है कि किसी निर्दोष को मार दो, वो चाहे किसी भी मजहब का हो। उन्होंने यह भी कहा कि मासूम बच्चों का खून बहाना तो इंसानियत की हत्या है।
दीवान ने अंत में कहा, "धर्म की आड़ में की गई हिंसा, मजहब को बदनाम करती है। अल्लाह से डरो, क्योंकि क़ब्र में कोई पासपोर्ट नहीं पूछा जाएगा, सिर्फ कर्मों का हिसाब होगा।"
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