भगवान के बाद यदि किसी में मौत को मात देकर जिंदगी बचाने की क्षमता होती है तो वो हैं डॉक्टर। ऐसा ही कारनामा जयपुर में SMS हॉस्पिटल में हुआ। जहां कंधे से कटा हाथ 7 घंटे की सर्जरी कर वापस जोड़ा। डॉ. ने कहा कुछ दिनों में हाथ पूरी तरह से करने लगेगा काम।
जयपुर (jaipur News).उत्तर भारत के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल, यानि जयपुर में स्थित एसएमएस अस्पताल के डॉक्टर्स ने बड़ा कारनामा किया है। कंधे से कटकर पूरी तरह से अलग हो चुके हाथ को सात से आठ घंटे की लगातार सर्जरी के बाद जोड़ दिया गया। कई घंटे अचेत रहने के बाद शनिवार सवेरे मरीज को भी पूरी तरह से होश आ गया है। लेकिन उसके हाथ को अभी ब्लॉक कर दिया गया है ताकि किसी तरह का मूवमेंट नहीं हो और ऑपरेशन खराब नहीं हो जाए। डॉक्टर्स का कहना है कि कुछ ही हफ्तों में मरीज का हाल पहले की तरह ही काम कर सकेगा। इस तरह की सर्जरी इतने बड़े अस्पताल में पहली बार ही की गई है।
जयपुर में हुए दर्दनाक हादसे में शरीर से अलग हुआ युवक का हाथ
दरअसल जयपुर के एसएमएस अस्पताल में बंगाल के रहने वाले 26 साल के युवक नियामत का ऑपरेशन किया गया है। चार से पांच दिन पहले नियामत जयपुर के आगरा रोड से होकर गुजर रहा था। वह अपनी बाइक पर था। इस दौरान आगे चल रहे वाहन चालक के अचानक कट लगा देने के कारण नियामत अपनी बाइक का संतुलन खो बैठा और वह सड़क के किनारे लगे संकेतक से टकरा गया। उसके सिर में चोट लगी और हाथ कटकर वहीं गिर गया। हालात देखकर वह बेहोश हो गया।
जयपुर के सबसे बड़े सवाई मानसिंह में हुआ दुर्लभ ऑपरेशन
इसकी सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस ने तुरंत नियायत के परिवार को सूचना दी और नियामत को अस्पताल में भर्ती कराया। वहां उसे ट्रोमा वार्ड में भर्ती किया गया। उसके बाद ऑर्थों के डॉक्टर्स और प्लास्टिक सर्जरी डिपार्टमेंट के डॉक्टर्स को परिवार के लोगों ने मेडिकल फाइल दिखाई । डॉक्टर्स ने कटे हुए हाथ को कुछ दवाएं लगाकर और मेडिकली तरीके से संरक्षित किया। फिर शुक्रवार को दोपहर बाद दोनो डिपार्टमेंट की टीमों ने मिलकर सर्जरी शुरू की। सर्जरी रात तक चली। सात से आठ घंटे की सर्जरी के बाद शनिवार सवेरे तक नियामत बेहोश था। सवेरे उसे होश आया है।
SMS के डॉक्टरों ने कुछ ही दिनों में हाथ के सामान्य वर्क का किया दावा
सर्जरी करने वाली टीम में प्लास्टिक सर्जरी डिपार्टमेंट के हेड डॉ सुनील श्रीवास्तव, डॉ प्रदीप गुप्ता, डॉ राहुल, डॉ भूमिका और डॉ राजकुमार के अलावा आर्थो डिपार्टमेंट टीम के डॉकटर वंदना, डॉ प्रियंका, डॉ आंचल और डॉ सचिन को शामिल किया। साथ में स्टाफ मौजूद रहा। डॉक्टर्स का कहना है कि बोन और वेन्स को भी जोड़ा गया है। अभी चार से पांच दिन मरीज नियामत अस्पताल में ही रहेगा और उसकी जांच होती रहेगी। उम्मीद है कि जल्द ही उसका हाथ पूरी तरह से काम करेगा।