राजस्थान में छात्रसंघ चुनाव पर रोक लगाने का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। वहीं सरकार के इस फैसले से यूनिवर्सिटी और कॉलेज के छात्रों में उबाल आ गया है। आज छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया जिसमें पुलिस से उनकी झड़प भी हुई।
राजस्थान। प्रदेश में स्टूडेंट इलेक्शन पर रोक लगाने के बाद राजस्थान में बवाल मचा हुआ है। जयपुर स्थित राजस्थान विश्वविद्यालय में कुछ देर पहले धारा 144 लागू कर दी गई है। मामला अब हाईकोर्ट तक जा पहुंचा है। सरकार के आदेश को चुनौती देते हुए कुछ छात्रों ने राजस्थान हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और छात्रसंघ चुनाव रद्द करने के खिलाफ पीआईएल दाखिल की है।
सरकारी कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में लगी धारा 144
जयपुर, जोधपुर, अजमेर समेत 8 बड़े शहरों में सरकारी कॉलेज और विश्वविद्यालय में धारा 144 लगाने की तैयारी कर ली गई है। डीजीपी ने पुलिस को निर्देश दिए हैं कि हंगामा करने वाले छात्रों से सख्ती से निपटा जाए। उधर, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का कहना है कि एनएसयूआई की हार टालने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह दाव चला है। लेकिन मुख्यमंत्री के इस निर्देश का अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अलावा एनएसयूआई के छात्र भी लगातार विरोध कर रहे हैं।
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इसलिए गुस्सा हैं छात्र नेता और छात्र संगठन करोड़ रुपयों का नुकसान
दरअसल राजस्थान में पिछले साल छात्र संघ चुनाव हुए थे। कोरोना के कारण 2 साल तक इन्हें टाल दिया गया था। पिछले साल जब छात्र संघ चुनाव हुए तो चुनाव से पहले और चुनाव होने के बाद कई शहरों में छात्रों ने हंगामा किया था। इस चुनाव में करोड़ों रुपया पानी की तरह बहा दिया गया था।
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छात्र चुनाव की तैयारी में लगे थे और सरकार ने लगा दी रोक
इस बार भी छात्रों को यह लग रहा था कि अगस्त के महीने में ही छात्र संघ चुनाव होंगे। इसके लिए उन्होंने जुलाई के महीने से ही कैंपेनिंग शुरू कर दी थी। विश्वविद्यालय हो और सरकारी कॉलेज में माहौल बनने लगा था। छात्र नेताओं ने अपने कार्यकर्ताओं को एक्टिव कर दिया था और छात्रों से जुड़ी समस्याओं का समाधान करने में भी लोग जुट गए थे।