राजस्थान के डूंगरपुर से रैगिंग का मामला सामने आया है। जहां एमबीएस के सीनियर स्टूडेंट्स ने फर्स्ट ईयर स्टूडेंट को 300 से ज्यादा उठक बैठक करवाई गई। जिससे कि उसकी किडनी और लीवर भी डैमेज हो गए। घटना के बाद 7 स्टूडेंट को सस्पेंड किया गया है।
डूंगरपुर. राजस्थान में पुलिस और अलग.अलग जिलों में संचालित मेडिकल कॉलेज स्टाफ भले ही कॉलेज में रैगिंग नहीं होने की बात करता हो लेकिन आज भी स्टूडेंट के लिए सबसे ज्यादा तनाव का कारण यही बना है। राजस्थान के डूंगरपुर जिले में स्थित मेडिकल कॉलेज में ऐसा ही एक मामला सामने आया है। यहां रैगिंग में फर्स्ट ईयर स्टूडेंट को 300 से ज्यादा उठक बैठक करवाई गई। जिससे कि उसकी किडनी और लीवर भी डैमेज हो गए। घटना के बाद 7 स्टूडेंट को सस्पेंड किया गया है। वहीं मामले में पीड़ित स्टूडेंट का कहना है कि 50 से ज्यादा लड़कों की रैगिंग हुई है।
स्टूडेंट्स को पहाड़ी पर बुलाकर किया टॉर्चर
डूंगरपुर के सदर थाना अधिकारी गिरधारी सिंह ने बताया कि मामले को लेकर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल एस बाला की ओर से रिपोर्ट दी गई है कि डेढ़ महीने पहले यह रैगिंग हुई। जिसमें फर्स्ट ईयर एमबीबीएस स्टूडेंट को कॉलेज के ही सेकंड ईयर एमबीबीएस स्टूडेंट देवेंद्र मीणाएअंकित यादव, रवींद्रए सुरजीत, विसनेंद्र, सिद्धार्थ और अमन ने उसे पहाड़ी पर बुलाया और उसके बाद उससे 300 उठक बैठक करवाई। इससे उसकी हालत इतनी ज्यादा खराब हुई कि किडनी और लीवर डैमेज हुए।
डूंगरपुर में स्टूडेंट के खिलाफ रैगिंग का मामला दर्ज
परिवार वाले उसे स्थानीय अस्पताल लेकर गए लेकिन वहां आराम नहीं मिला तो उसे गुजरात के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में ले जाया गया। जहां उसकी चार बार डायलिसिस करनी पड़ी। स्टूडेंट का कहना है कि कॉलेज के करीब 50 से ज्यादा स्टूडेंट रैगिंग का शिकार हुए। फिलहाल पुलिस ने इन सात स्टूडेंट के खिलाफ रैगिंग का मामला दर्ज कर लिया है। इतना ही नहीं उन्हें सस्पेंड भी कर दिया गया है।
रैगिंग में एक की तो मौत तक हो गई
आपको बता दें कि यह पहला मामला नहीं है जब मेडिकल कॉलेज में रैगिंग के चलते कोई स्टूडेंट की हालत इतनी ज्यादा खराब हुई हो। इसके पहले सीकर में 1 साल पहले मेडिकल कॉलेज स्टूडेंट की संदिग्ध मौत हुई थी। जिसमें आज तक खुलासा नहीं हो पाया कि वह मौत मर्डर थी या फिर सुसाइड…
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