
जयपुर। राजस्थान के खींवसर विधानसभा उपचुनाव ने राज्य की राजनीति को गर्मा दिया है, जहां इस बार त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला। यह सीट पहले हनुमान बेनीवाल के कब्जे में थी, लेकिन अब उपचुनाव में उनके राजनीतिक भविष्य और प्रतिष्ठा दोनों दांव पर लगी हुई थी। खींवसर विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), कांग्रेस और राष्ट्रीय लोक दल (आरएलपी) के बीच कांटे की टक्कर थी।
हनुमान बेनीवाल, जो आरएलपी के प्रमुख हैं, ने इस सीट पर अपनी ताकत झोंक दी , ताकि वह अपनी पार्टी को एक बार फिर जीत दिला सकें। इसके बावजूद, बीजेपी और कांग्रेस ने भी इस सीट पर अपनी पूरी ताकत लगा दी । बीजेपी की ओर से रेवंत राम डांगा और कांग्रेस की ओर से रतन चौधरी चुनावी मैदान में हैं। दोनों पार्टियों ने जमकर प्रचार किया , जिससे यह मुकाबला और भी दिलचस्प हो गया था। हालांकि आज आए रिजल्ट में रेवंद राम डांगा ने जीत दर्ज की। उनकी इस जीत के बाद ही उनका वीडियो वायरल हो रहा है।
हनुमान बेनीवाल की राजनीति हमेशा ही भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों के साथ गठबंधन से जुड़ी रही । यही वजह है कि खींवसर सीट पर उनके लिए जीत हासिल करना एक बड़ी चुनौती बन गया । उनकी पत्नी कनिका बेनीवाल भी इस सीट पर आरएलपी के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रही हैं और इस उपचुनाव से उनकी पार्टी की स्थिति भी तय होनी है। लेकिन कनिका बेनीवाल की हार के साथ सांसद हनुमान बेनीवाल की प्रतिष्ठा कम हो गई है।
13 नवंबर को हुए मतदान के बाद अब सबकी नजरें मतगणना पर हैं। खींवसर सीट पर हो रहे इस मुकाबले में न केवल राजनीतिक दलों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है, बल्कि आगामी विधानसभा चुनावों में इसके नतीजे का असर भी पड़ सकता है। तीनों प्रमुख पार्टियों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा के चलते इस उपचुनाव के परिणाम राजस्थान की राजनीति में एक नई दिशा का संकेत दे सकते हैं।
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