
जयपुर. राजस्थान ने खनन क्षेत्र में अपनी उपस्थिति को देश के अग्रणी राज्यों में स्थापित कर लिया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के कुशल नेतृत्व और विभागीय अधिकारियों की योजनाबद्ध कार्यशैली के चलते प्रदेश ने खनिज नीलामी के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धियां अर्जित की हैं। हाल ही में ओडिशा के कोणार्क में आयोजित नेशनल माइनिंग मिनिस्टर्स कॉन्फ्रेंस में राजस्थान को "एक्जेम्प्लरी परफॉर्मेंस इन मिनरल ब्लॉक ऑक्शन" के लिए प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने खनन विभाग को अपनी प्रत्यक्ष निगरानी में रखा, जिससे विभाग में कार्यकुशलता और पारदर्शिता बढ़ी। मुख्यमंत्री ने नियमों को सरल और व्यावहारिक बनाकर उद्योगपतियों को नीलामी प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। यह पहल खनिज क्षेत्र में नई नीतियों और व्यापक खोज अभियानों का आधार बनी।
वर्ष 2023-24 के दौरान, राजस्थान ने देशभर में सर्वाधिक 31 मेजर मिनरल ब्लॉकों की सफलतापूर्वक नीलामी की। इनमें 22 खनन लीज़ और 9 कंपोजिट लाइसेंस शामिल हैं। प्रमुख खनिजों में लाइमस्टोन, आयरन और बेस मेटल के ब्लॉक्स प्रमुख रहे। इस उपलब्धि ने राज्य को न केवल राजस्व के क्षेत्र में बढ़त दिलाई, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ाए।
राजस्थान खनन विभाग के प्रमुख सचिव टी. रविकांत ने टीम भावना और समर्पण को इस सफलता का आधार बताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन और अधिकारियों की मेहनत से यह संभव हुआ। अवैध खनन पर सख्ती और प्रभावी रोक के साथ-साथ खनिज खोज व डिलेनिएशन की योजनाओं ने विभाग को नई दिशा दी।
राजस्थान की इस उपलब्धि ने न केवल राज्य को खनन क्षेत्र में अग्रणी बनाया है, बल्कि देशभर में अन्य राज्यों के लिए एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया है। मुख्यमंत्री ने विभागीय टीम को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह उपलब्धि राजस्थान को वैश्विक स्तर पर खनिज हब के रूप में पहचान दिलाने में सहायक होगी।
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