
जयपुर. मुख्यमंत्री भजनलाल ने पहली बार सीएम की कुर्सी संभाली है। पहली बार विधायक बने हैं और उसके बाद मुख्यमंत्री बनाए गए हैं। उन्होंने अप्रैल में दिए जाने वाले बजट से पहले राजस्थान के लिए 100 दिन की कार्य योजना बनाई है। हर सरकारी विभाग इसी कार्य योजना के अनुसार काम कर रहा है। इन्हीं में से एक योजना जो राजस्थान के लाखों कारोबारी को आकर्षित कर रही है, वह है फूड यूनिट लगाने की योजना।
ये यूनिट लगाने पर मिलेगा अनुदान
राजस्थान सरकार में प्रमुख शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी वैभव गालरिया ने बताया कि प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद उन्नयन योजना के तहत राजस्थान सरकार भी इस तरह की योजनाओं को लागू करने की तैयारी कर रही है। राज्य के बड़े बैंकों के प्रतिनिधियों के साथ सरकार ने बैठक की है और उनसे कोटेशन लिए हैं। वैभव गालरिया ने कहा कि राजस्थान में कारोबारी सरकार के नियमों के अनुसार आटा, दाल, चावल, चीनी , दूध , मसाले, अचार, पापड़ या अन्य कोई खाद्य पदार्थ की मिल या फैक्ट्री लगता है तो सरकार उसे 10 लाख रुपए तक का अनुदान देगी। उसे बैंक से लोन की जरूरत पड़ती है तो 90फीसदी तक उसे लोन दिया जाएगा, वह भी बेहद कम ब्याज दरों पर । ब्याज दर उद्योग और जगह के हिसाब से तय की जाएगी।
35 फीसदी तक अनुदान की तैयारी
वैभव गालरिया ने कहा केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा करीब 35 फ़ीसदी तक अनुदान देने की तैयारी है । यानी 35 फ़ीसदी या अधिकतम 10 लाख रुपए तक का अनुदान व्यापारी सरकार से ले सकते हैं । इस तरह की योजना से खाद्य पदार्थों को बढ़ावा मिलेगा। रोजगार डेवलप होंगे और खाने की क्वालिटी भी उत्तम होगी । सरकार की इस योजना के बारे में व्यापारियों ने जांच पड़ताल शुरू कर दी है।
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