Exam से पहले पिता की मौत, रोते-रोते दी 12वीं की परीक्षा...अब उसी बेटी ने रच दिया इतिहास

12वीं वोर्ड के रिजल्ट में कई छात्रों ने 99 प्रतिशत लाकर सफलता की अनोखी कहानी लिखी। लेकिन राजस्थान की इस बेटी ने जो इतिहास रचा है वो कोई नहीं कर सकता है। परीक्षा से पहले पिता की मौत, लेकिन वो नहीं रूकी, रोते-रोते एग्जाम दिया और 91 प्रतिशत लेकर आई है।

अजमेर. राजस्थान बोर्ड ने 2 दिन पहले 12वीं बोर्ड परीक्षाओं का परिणाम एक साथ जारी किया है। आर्ट्स, साइंस और कॉमर्स विषय में 8 लाख पचास हजार‌ से भी ज्यादा बच्चों ने परीक्षा दी और दो से तीन फिसदी बच्चों को छोड़कर सभी पास हुए हैं। पहली बार रहा है जब किसी छात्र के सौ फीसदी नंबर आए हैं , लेकिन इन सब बच्चों में एक बच्ची ऐसी भी है जिसने उन हालातों में परीक्षा दी जो सोचा भी नहीं जा सकता।

12वीं पास करने वाली इस बिटिया की कहानी रुला देगी

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हम बात कर रहे हैं राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में हमीरगढ़ तहसील की रहने वाली लक्ष्मी अहीर की । लक्ष्मी के पिता को 22 फरवरी के दिन जमीन के विवाद में पीट-पीट कर मार दिया गया था। परिवार के सामने इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया था। 22 फरवरी को इस विवाद के बाद अगले ही दिन 23 फरवरी को लक्ष्मी का अंग्रेजी का पर्चा था। वह परीक्षा देने के लिए तैयार नहीं थी, लेकिन मां सोनी बाई ने बेटी को तैयार किया ।‌अपने कलेजे पर पत्थर रख न केवल अंग्रेजी बल्कि सभी विषयों के पर्चे दिलवाएं और बेटी को कहा पिता का यही सपना है जो तुम्हें पूरा करना है।

रोते हुए परीक्षा दी 91 फ़ीसदी अंक मिले

मां की यह बातें सुनकर बेटी ने ठान लिया कि उसे टॉप करना है । बेटी ने मां के इन शब्दों को अपने जीवन में उतार लिया और पढ़ाई शुरू कर दी। सोमवार को जब उसका परिणाम आया तो उसने पूरे गांव को हिला कर रख दिया । लक्ष्मी ने करीब 91 फ़ीसदी अंक अर्जित किए हैं । उसने कहा पिता मुझे बड़े ओहदे पर देखना चाहते थे और अब उसको पूरा करने के लिए यूपीएससी की तैयारी में जुट गई हूं ।‌मां सोनी बाई का कहना है बेटी जो भी करेगी , मुझे उसे पर गर्व है। उसने परिवार का नाम रोशन किया है।

2 महीने में लक्ष्मी के दो प्रिय लोग दुनिया छोड़कर चले गए

लक्ष्मी के साथ इन दिनों में एक और घटना घटी। जिसने उसे पूरी तरह तोड़ दिया । जिस दिन लक्ष्मी का रिजल्ट आया उसी दिन वह अपने शिक्षक डॉ रमेश यादव के यहां गई । पता चला परिणाम वाले दिन ही डॉक्टर का निधन हो गया। घर में ना तो मिठाई बाटी और ना ही रिजल्ट को लेकर किसी तरह का जश्न मनाया गया । 2 महीने में लक्ष्मी के दो सबसे प्रिय सदस्य दुनिया छोड़कर चले गए । वह सदमे में होते हुए भी टॉप कर गई।

 

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