
जयपुर. राजस्थान के बजट से पहले ही विधानसभा के बाहर हंगामे की नौबत आ गई। पंद्रह सौ करोड़ रुपए आदिवासी समाज पर खर्च नहीं किए जाने का मुद्दा जोर देने लगा। भारत आदिवासी पार्टी के विधायकों ने आदिवासी समाज के लिए दिया जाने वाला बजट लेप्स करने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया। इससे पहले बाप पार्टी से सांसद राजकुमार रोत ने राज्य की भाजपा सरकार को घेर चुके हैं।
सांसद राजकुमार रोत ने कहा कि जनजाति मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने आदिवासी क्षेत्र का बंटाधार कर दिया है। आदिवासियों के लिए 1500 करोड़ का बजट दिया गया, लेकिन एक रुपया भी खर्च नहीं किया। अब नया बजट आने वाला है। राज्य की भाजपा सरकार आदिवासी क्षेत्र को 25 साल पीछे ले जा रही है। सांसद रोत ने शुक्रवार को बीएपी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ रैली निकालकर सहेली मार्ग स्थित जनजाति आयुक्त कार्यालय पहुंचकर प्रदर्शन किया था। आज उनके विधायकों ने विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया।
सांसद रोत ने चेतावनी दी कि 1500 करोड़ रुपए 5 दिन में रिलीज नहीं किए गए तो हम कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। आदिवासी बहुल क्षेत्र में शिक्षा, चिकित्सा में सुविधाओं में सुधार कराया जाए। जो बच्चे हॉस्टल और स्कूल में पढ़ रहे है उनके भौतिक और शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराई जाए। समाधान नहीं हुआ तो 15 दिन बाद आंदोलन को गति देंगे। धरियावद विधायक थावरचंद डामोर ने कहा कि पूर्व की कांग्रेस सरकार में जनजाति के विकास के लिए 500 करोड़ रुपए का बजट हर साल दिया जा रहा था। गहलोत सरकार ने अंतिम समय पर बढ़ाकर एक हजार करोड़ रुपए कर दिए थे। हमें लगा था कि भाजपा की सरकार आई है तो आदिवासियों के उत्थान के लिए बेहतर सोच रखेगी।
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