
जयपुर. राजस्थान के जयपुर स्थित हाईकोर्ट में एक संविदाकर्मी मनीष सैनी की आत्महत्या के बाद राज्य सरकार ने संविदाकर्मियों के मानदेय में वृद्धि की है। मनीष, जो पिछले 19 वर्षों से संविदा पर कार्यरत था, जिसे केवल 5600 रुपए मासिक मानदेय मिल रहा था। लेकिन उसका वेतन पिछले पांच महीनों से रुका हुआ था। उसकी आत्महत्या ने संविदाकर्मियों की समस्याओं को उजागर किया है।
मेरी मौत के बाद लोगों को मलेगा बढ़ा हुआ पैसा
मनीष ने आत्महत्या के पहले एक सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें उसने अपनी परिस्थितियों का जिक्र किया और कहा, "राज्य सरकार ने मेरा तो भला नहीं किया, लेकिन मेरे भाइयों का भला हो।" इस घटना के बाद, राज्य सरकार ने संविदाकर्मियों के मानदेय को बढ़ाने का निर्णय लिया। अब, 5600 रुपए की जगह 14,000 रुपए, 6900 की जगह 17,000 रुपए और 4400 की जगह 11,000 रुपए तक का मानदेय मिलेगा।
पत्नी को मिलेगी नौकरी और परिवार के 11 लाख रुपए
मनीष के परिवार के आर्थिक हालात भी खराब थे, और उसके पीछे एक चार साल की बेटी और एक छोटा बेटा है। इसके अलावा, राज्य सरकार ने मनीष के परिजनों को 11 लाख रुपए मुआवजा देने और उसकी पत्नी को संविदा पर नौकरी देने का निर्णय लिया है।
सुप्रीम कोर्ट में लगी है विशेष अनुमति याचिका
साथ ही, हाईकोर्ट में करीब 60 संविदाकर्मी स्थायी नियुक्ति की मांग को लेकर कोर्ट में हैं। इस मामले में पहले ही सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की गई थी, जो कि अब वापस लेने की प्रक्रिया में है।
अशोक गहलोत बोले-मैं मनीष की सुसाइड से दुखी हूं…
वहीं इस पूरे मामले पर राजस्थान के पूर्व सीएम और कांग्रेस के सीनयर नेता अशोक गहलोत ने कहा-'राजस्थान हाई कोर्ट में संविदाकर्मी मनीष सैनी का सुसाइड करना बेहद दुखद है. मैं ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति एवं परिजनों को हिम्मत देने की प्रार्थना करता हूं, मनीष एक कम सैलरी पाने वाले कॉन्ट्रैक्ट वर्कर थे, राज्य सरकार को पीड़ित परिजनों की आर्थिक सहायता सुनिश्चित करनी चाहिए।
राजस्थान की राजनीति, बजट निर्णयों, पर्यटन, शिक्षा-रोजगार और मौसम से जुड़ी सबसे जरूरी खबरें पढ़ें। जयपुर से लेकर जोधपुर और उदयपुर तक की ज़मीनी रिपोर्ट्स और ताज़ा अपडेट्स पाने के लिए Rajasthan News in Hindi सेक्शन फॉलो करें — तेज़ और विश्वसनीय राज्य समाचार सिर्फ Asianet News Hindi पर।