राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने में लगभग 6 महीनों का ही टाइम बचा है। जहां इन 4 सालों में चुनाव लड़ने वाले कई चेहरे सामने आ चुके है। वहीं अब पार्टी से बागी हुए एमएलए को अपने टिकट कटने का डर सता रहा है। इसलिए वे समय से पहले ही टिकट की मांग कर रहे है।
जयपुर (jaipur news). राजस्थान में विधानसभा चुनावों में 6 महीने से भी कम समय बचा है। इसी बीच राजस्थान में चुनाव लड़ने वाले कई चेहरे सामने आ चुके हैं। लेकिन राजस्थान में अभी से ही विधायकों को अपनी टिकट कटने का डर बैठ चुका है। जो लगातार अपनी पार्टी के नेताओं से बातचीत कर अपने टिकट बचाने के लिए जतन कर रहे हैं। यहां तक कि विधायकों का कहना है कि अभी से ही टिकट जारी कर दो जिससे कि उनके पास मैनेजमेंट के लिए ज्यादा समय रह सके।
प्रत्याशियों की लिस्ट जारी करने की नेताओं ने की मांग
ऐसा ही मामला राजधानी सामने आया है। जहां बसपा से कांग्रेस में आए विधायक वाजिब, संदीप यादव सहित पांच विधायक कांग्रेस के राजस्थान सह प्रभारी काजी निजामुद्दीन से मिलने के लिए पहुंचे। जहां उनकी विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी की घोषणा अभी से ही कर दी जाए जिससे कि उन्हें अपना चुनाव मैनेजमेंट करने के लिए ज्यादा समय मिले क्योंकि हर बार पार्टी चुनाव के नजदीक 10 से 12 दिन पहले ही टिकट जारी करती है। ऐसे में चुनाव मैनेजमेंट के लिए समय नहीं मिल पाता है। बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों में से राजेंद्र गुढ़ा को छोड़ दे तो पांचों विधायकों का कहना है कि उनकी वजह से कांग्रेस पार्टी धरातल पर मजबूत हो चुकी है। यदि कोई वोटर नाराज है तो उसे मनाया भी जा सके।
बागी नेताओं को टिकट कटने का सता रहा डर
वहीं राजनीतिक जानकारों की माने तो वर्तमान में राजस्थान में बसपा के 6 विधायक हैं। जिनमें से 5 अशोक गहलोत के साथ जबकि एक राजेंद्र गुढ़ा ही सचिन पायलट को खुला समर्थन दे रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस के अशोक गहलोत गुट के पांचों विधायकों को डर है कि कहीं एन वक्त पर उनका टिकट नहीं काट दे इसलिए वह अभी से ही खुद को प्रत्याशी बनाने के लिए जतन कर रहे हैं। वहीं राजनीतिक जानकारों की माने तो कोई भी पार्टी हो कांग्रेस या बीजेपी इतनी जल्दी अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं करती है वरना पार्टी में आंतरिक विवाद बढ़ने की संभावना ज्यादा है।
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