राजस्थान के भीलवाड़ा के किसान विष्णु कुमार ने जैविक खेती के माध्यम से कम पानी में खीरा-ककड़ी और पारंपरिक फसलों का उत्पादन किया। ग्रीन हाउस में उगाई फसल से हर साल लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं। जैविक खेती में सफलता की कहानी जानें।
भीलवाड़ा। राजस्थान में भले ही आज कई इलाकों में पानी की कमी हो लेकिन यहां के किसान कम पानी में भी अच्छी फसल उगा रहे हैं। इन दिनों राजस्थान में किसान विष्णु कुमार का नाम काफी सुर्खियों में है। जो भीलवाड़ा के आसींद उपखंड के बराणा गांव के रहने वाले हैं। जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर जैविक खेती करना शुरू किया और आज यह सालाना लाखों रुपए कमा रहे हैं।
यह ग्रीन हाउस में जैविक खेती करके खीरा, ककड़ी की उपज तैयार करके हर साल लाखों रुपए कमा रहे हैं। इतना ही नहीं वह दूसरे खेतों में गेहूं जैसी पारंपरिक फसलों और अन्य सब्जियों को भी जैविक खेती के जरिए उगा रहे हैं। इस खेती की शुरुआत करने के लिए सबसे पहले विष्णु ने 5-6 देसी गाय खरीदकर वर्मी कंपोस्ट की स्थापना की और उससे जो खाद बनता है, उसे जैविक खेती में प्रयोग करते हुए जैविक दवाइयां बनाने का काम शुरू किया।
इसके बाद विष्णु ने तीन ग्रीन हाउस लगाएं और उनमें अपनी ही जैविक दवाईयों का इस्तेमाल करके खीरा, ककड़ी तैयार करना शुरू किया। पहले ही साल में 100 टन खीरा, ककड़ी का उत्पादन हुआ। जो मार्केट में 20 से 40 रुपए प्रति किग्रा. के हिसाब से बिकने लगी। पहले ही साल में 15 से 20 लाख का मुनाफा हो गया।
विष्णु बताते हैं कि जैविक खेती से तैयार होने वाले खीरा ककड़ी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि जैसे ही इसे मंडी में लेकर जाते हैं तो यह तुरंत बिक जाता है। अपनी इस जैविक खेती के लिए विष्णु को दो बार जिला स्तर पर और दो बार राज्य स्तर पर भी सम्मान मिल चुका है। वर्तमान में उन्हें किसान कोटे से महाराणा प्रताप कृषि विश्वविद्यालय में मैनेजमेंट का सदस्य भी बनाया गया है।
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