
जयपुर, आए दिन देखा जाता है कि लोग किसी भी हादसे या घटना का विरोध जताने के लिए लोग लाश को सड़क पर लखकर सरकार और प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करते हैं। लेकिन राजस्थान अब देश का एक मात्र ऐसा राज्य बन गया है, जहां सड़कों या सार्वजनिक स्थानों पर मृतकों के शव रखकर विरोध करना एक अपराध माना जाएगा। यानि राज्य सरकार ने ‘मृतक शरीर सम्मान कानून’ बनाकर इसे लागू कर दिया है।
दरअसल, राजस्थान सरकार ने ''मृतक शरीर सम्मान कानून’ बनाकर' इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है। जिसमें सख्त से सख्त सजा का प्रावधान है। इस कानून के मुताबिक, मृतक के गैर-परिवार सदस्य द्वारा शव का सड़क पर राजनीतिक प्रदर्शन या विरोध करने पर 6 माह से 5 साल तक जेल होगी। साथ ही जुर्माना भी लगाया जाएगा। इतना ही नहीं कार्यपालक मजिस्ट्रेट द्वारा 24 घंटे का नोटिस मिलने के बाद शव लेने से इनकार करने पर मृतक के परिवार को भी एक साल की सजा का प्रावधान है। इसके बाद पुलिस प्रशासन शव को अपने कब्जे में लेगा और अंतिम संस्कार करके जिम्मेदारों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी।
बता दें कि 'मृतक शरीर सम्मान कानून’ को अशोक गहलोत सरकार ने बनकार 20 जुलाई 2023 को विधानसभा में यह बिल पारित किया था। जो पास भी हो गया था, लेकिन इसे लागू नहीं किया गया था, क्योंकि उस समय विपक्ष में बीजेपी सरकार थी, जिसने इसका जमकर विरोध किया था। अब भाजपा के सत्ता में आते ही दो साल बाद मुख्यमंत्री भजनलाल इस बिल को लागू कर आदेश जारी कर दिया है। दिलचस्प बात यह है कि इसमें किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है।
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