
जयपुर. राजस्थान के खैरथल जिले में वायु प्रदूषण का स्तर खतरे के स्तर को पार कर चुका है, जिसके बाद कलेक्टर किशोर कुमार ने खैरथल और तिजारा के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में पहली से पांचवीं कक्षा तक के छात्रों के लिए छुट्टी घोषित कर दी है। मंगलवार को भिवाड़ी, करौली और बीकानेर सहित राजस्थान के 26 जिलों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 200 से अधिक दर्ज किया गया, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक हानिकारक माना जाता है।
सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने इस स्थिति को देखते हुए राजस्थान के इन प्रभावित क्षेत्रों में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान ; की चौथी स्टेज लागू कर दी है। इसके तहत प्रदूषण नियंत्रण के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। खैरथल और तिजारा जैसे इलाकों में पानी का छिड़काव किया जा रहा है और स्मॉग गन का इस्तेमाल भी शुरू कर दिया गया है ताकि धूल और धुंआ कम किया जा सके। इसके अलावा, कचरा जलाने और उद्योगों से निकलने वाले धुएं पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
भिवाड़ी शहर में प्रदूषण के कारण दिनभर आसमान में धुंध छाई रही, जिससे विजिबिलिटी में भारी कमी आई। नागरिकों को आंखों में जलन और सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ा। प्रदूषण के इस बढ़ते स्तर को नियंत्रित करने के लिए राजस्थान सरकार ने कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है और कचरा जलाने पर रोक लगाने के लिए विशेष टीमें गठित की हैं।
इस समय सबसे साफ हवा दक्षिणी राजस्थान के क्षेत्रों में देखी गई, जैसे कि सिरोही, प्रतापगढ़ और अजमेर जहां एक्यूआई सामान्य स्तर पर था। हालांकि, उत्तर और पश्चिमी राजस्थान के जिले प्रदूषण से गंभीर रूप से प्रभावित हैं और यहां के लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं। राज्य सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि वे घरों में रहें, मास्क का प्रयोग करें और बाहरी गतिविधियों से बचें। साथ ही, लोगों को प्रदूषण से बचने के उपायों के प्रति जागरूक किया जा रहा है।
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