
जयपुर. गरीब और जरूरतमंद लोगों की सहायता के उद्देश्य से राज्य सरकार ने एक नई योजना शुरू करने का फैसला किया है। इसके तहत ...सहायता केन्द्र...स्थापित किए जाएंगे, जहां लोग अपने अनुपयोगी सामान को दान कर सकेंगे। इन केन्द्रों के माध्यम से दान किया गया सामान जरूरतमंदों को निःशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। यह योजना न केवल समाज में परोपकार की भावना को प्रोत्साहित करेगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देगी। सरकार इसके लिए छह सौ सेंटर खोलने जा रही है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य समाज के उन वर्गों तक पहुंचना है, जो आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। कपड़े, जूते, खिलौने, फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, प्लास्टिक सामग्री और सजावटी सामान जैसे अनुपयोगी वस्तुओं को एकत्रित कर, उन्हें उपयोगी बनाकर जरूरतमंदों को प्रदान किया जाएगा। इसके साथ ही पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले उत्पादों को री साइकिल कर उपयोग में लाने की प्रक्रिया पर भी ध्यान दिया जाएगा।
इस योजना के तहत ...सहायता केन्द्र... का संचालन मुख्यमंत्री शहरी रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत पंजीकृत बेरोजगार युवक और युवतियों द्वारा किया जाएगा। यह पहल न केवल जरूरतमंदों की मदद करेगी, बल्कि बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी उत्पन्न करेगी।
सहायता केन्द्र विशेष रूप से उन क्षेत्रों में स्थापित किए जाएंगे, जहां गरीब और जरूरतमंद आबादी अधिक है। इसके लिए सामुदायिक भवन, सार्वजनिक स्थलों और अनुपयोगी सरकारी भवनों का उपयोग किया जाएगा। दानदाताओं को उनके योगदान के लिए रसीद भी प्रदान की जाएगी, जिससे इस प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहेगी। यह योजना ...नेकी की दीवार... की तर्ज पर तैयार की गई है। इसका उद्देश्य न केवल जरूरतमंदों को मदद पहुंचाना है, बल्कि समाज में दान और परोपकार की भावना को मजबूत करना भी है। सरकार का यह कदम समाज को एकजुट करने और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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