जयपुर. राजस्थान में पल्लेदारी का काम करने वाले (यानि जो लोग अनाज मंडी में बोरे उठाते हैं) लोगों के लिए खुशखबरी है। अब सरकार इनकी बेटी की शादी के लिए 1 लाख रुपए दे रही है। प्रदेशा का कोई भी पल्लेदार इस योजना का लाभ ले सकता है। इसके लिए उम्र 18 से 60 साल के बीच होनी चाहिए और साथ ही वह राज्य का मूल निवासी होना चाहिए।
कौन लोग हो सकते हैं योजना के पात्र
राजस्थान कृषि उपज मंडी समिति अधिनियम 1961 के तहत लाइसेंसधारी हो और प्रदेश की किसी मंडी में काम करता हो। हालांकि यदि पल्लेदारी के अलावा वह और कहीं से पैसे कमाता है तो वह इस योजना में पात्र नहीं है।कृषि विपणन विभाग के निदेशक राजेश कुमार चौहान बताते हैं कि इस साल से योजना की शुरुआत हुई थी। अब तक सरकार 672 पल्लेदारों को इस योजना का लाभ दे चुकी है। जिसके तहत 265 लाख 33 हजार 537 रुपए का भुगतान किया जा चुका है।
पितृत्व सहायता और बेटी की शादी के लिए देगी सरकार
इस योजना के जरिए सरकार पल्लेदार को प्रसूति सहायता, पितृत्व सहायता और बेटी की शादी के लिए पैसे देती है। इसके साथ ही यदि कोई मैधावी छात्र या छात्रा है तो उसे कक्षा 10 से लेकर ग्रेजुएशन करने तक 2 से 6 हजार रुपए की स्कॉलरशिप और चिकित्सा सुविधा भी मुहैया करवाती है।
राजस्थान में मंडियों को चार श्रेणी में बांटा गया
वहीं आपको बता दे कि प्रदेश में कृषि मंडी में काम करने वाले पल्लेदारों का अंशदान भी जमा करवाना अनिवार्य है। इसके लिए राजस्थान में मंडियों को चार श्रेणी में विभाजित किया गया है। ए श्रेणी की मंडी 1 हजार,बी श्रेणी की मंडी 500, सी श्रेणी की मंडी 300 रुपए और डी श्रेणी की मंडी में 200 रुपए अंशदान जमा करवाना अनिवार्य है।
जानिए क्या राजस्थान सरकार की इस योजना का नाम
सरकार की इस योजना का महात्मा ज्योतिबा फुले मंडी श्रमिक कल्याण योजना है। योजना के तहत सरकार श्रमिक परिवारों को आर्थिक रूप से सहायता प्रदान करने का काम करती है। योजना के तहत श्रमिक, पल्लेदारों आदि को विभिन्न सुविधाएं देने का काम किया जाता है। हालांकि इसका लाभ लेने के लिए रजिस्ट्रेशन होना जरूरी है।
(नोट-खबर में इस्तेमाल की गई तस्वीर प्रतीकात्मक है)
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