सार

सीकर के रामकिशन वर्मा ने पारंपरिक खेती छोड़ एप्पल बेर की खेती अपनाई और अब सालाना लाखों कमा रहे हैं। जयपुर तक होती है इनके बेरों की सप्लाई। जानिए उनकी सफलता की कहानी।

सीकर. एक बात हमेशा कही जाती है कि यदि किसान परंपरागत खेती को छोड़कर खेती में नवाचार करें और तकनीक के जरिए खेती करे तो उनका मुनाफा बढ़ सकता है। कुछ ऐसी ही कहानी सीकर के रहने वाले रामकिशन वर्मा की है। जो एप्पल बेर की खेती करते हैं और सालाना 8 से 10 लाख रुपए कमा रहे हैं।

ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं, फिर भी MBA वाले इनके आगे फेल

यह मूल रूप से सीकर जिले के पचार गांव के रहने वाले हैं। वह ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं हैं, लेकिन फिर भी डिग्री धारियों से ज्यादा कमाई कर रहे हैं। जितनी कमाई आज एक एमबीए वाला नहीं कर पा रहा है और वह अनपढ़ होकर साल के 8 से 10 लाख रुपए की इनकम कर लेते हैं। इनके उगाए एप्पल बेर की सप्लाई राजधानी जयपुर तक होती है। 

किसान रामकिशन ने बताया अपनी कामयाबी का राज

रामकिशन बताते हैं कि वह पिछले करीब 5 साल से यह खेती कर रहे हैं। इसके पहले वह गेहूं और चने जैसी पारंपरिक खेती करते थे। जिनमें मेहनत भी ज्यादा थी और मुनाफा भी इतना कोई खास नहीं था। कई बार बारिश और अतिवृष्टि होती तो फसल का नुकसान होता और लाखों रुपए बर्बाद हो जाते। एक बार तो यह हुआ कि तेज बारिश आने के चलते उनके खेत में पानी भर गया और पूरी की पूरी फसल ही बर्बाद हो गई। इस दिन ही रामकिशन ने मन बना लिया था कि अब चाहे कुछ भी हो यह पारंपरिक खेती नहीं करनी है। इसके बाद वह एक नर्सरी में गए और वहां से एप्पल बेर के बारे में जानकारी जुटाई और फिर उसके पौधे लाकर उन्हें अपने खेत में लगाया। 2 साल मेहनत करने के बाद पहली बार उपज तैयार हुई। जब उन्होंने अपनी उपज को एक कंपनी में दिया तो वह उसे लेने के लिए तैयार हो गए। ऐसे में पहली बार ही रामकिशन को अच्छा मुनाफा हुआ।

5 बीघा जमीन भी ऐसे उगल सकती है सोना?

रामकिशन बताते हैं कि वर्तमान में उन्होंने 5 बीघा एरिया में खेती की हुई है। हर बीघा से सालाना 50 हजार से करीब 2 लाख रुपए का मुनाफा होता है। हालांकि अब उन्होंने वापस से पारंपरिक फसलें उगाना भी शुरू किया है। लेकिन उनका कहना है कि मुनाफा आज भी एप्पल बेर की खेती से ही ज्यादा होता है।

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