जयपुर सीरियल ब्लास्ट 2008: चौकड़ी ने उड़ाई गहलोत सरकार की नींद, एक टॉप वकील नौकरी से Kick Out, जानिए क्यों मचा है बवाल

Published : Apr 01, 2023, 06:26 AM ISTUpdated : Apr 01, 2023, 01:37 PM IST
Jaipur serial blasts case

सार

जयपुर में 13 मई, 2008 में हुए सिलसिलेवार बम ब्लास्ट के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा चार आरोपियों को बरी किए जाने के फैसले को राजस्थान सरकार सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज देने जा रही है।

जयपुर. जयपुर में 13 मई, 2008 में हुए सिलसिलेवार बम ब्लास्ट के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा चार आरोपियों को बरी किए जाने के फैसले को राजस्थान सरकार सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज देने जा रही है। इस मामले ने सरकार के गृह और लॉ डिपार्टमेंट की किरकिरी करा दी है। हालांकि इस मामले को लेकर अब सरकार कानून विशेषज्ञों से सलाह ले रही है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में विशेष अनुमति याचिका (Special Leave Petition-SLP) दायर करेगी। एक आफिसियल स्पोकपर्सन ने कहा कि गहलोत की अध्यक्षता में 31 मार्च की रात उनके आवास पर हुई एक हाईलेवल मीटिंग में यह निर्णय लिया गया। प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री ने एडिशनल एडवोकेट जनरल राजेंद्र यादव को भी सर्विस से बर्खास्त करने का फैसला किया है, जिन्हें इस मामले में पेशी लिए नियुक्त किया गया था।

मीटिंग के बाद गहलोत ने ट्वीट किया, "राज्य सरकार बेस्ट लॉयर्स को शामिल करके पीड़ितों को न्याय सुनिश्चित करेगी।" गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।

मीटिंग में चीफ सेक्रेट्री उषा शर्मा, प्रिंसिपल सेक्रेट्री (होम) आनंद कुमार, डीजीपी उमेश मिश्रा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

एक लोअर कोर्ट ने दिसंबर 2019 में मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सलमान, सैफुर, मोहम्मद सरवर आजमी को मौत की सजा दी थी, जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। बुधवार(29 मार्च) को हाईकोर्ट ने उन्हें इस आधार पर बरी कर दिया कि जांच एजेंसी (ATS) ने सिलसिलेवार सबूतों को जोड़ने में घटिया जांच की।

स्पेशल कोर्ट ने 18 दिसंबर, 2019 को शाहबाज हुसैन को संदेह का लाभ देते हुए मामले से बरी कर दिया था, जबकि मोहम्मद सरवर आजमी, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सलमान और सैफुर रहमान को दोषी ठहराया था। इन्हें फांसी की सजा दी गई थी, लेकिन हाईकोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया। राज्य सरकार ने शाहबाज हुसैन को बरी किए जाने के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। वहीं, चारों दोषियों ने सजा के खिलाफ अपील दायर की थी।

13 मई, 2008 को माणक चौक खंडा, चांदपोल गेट, बड़ी चौपड़, छोटी चौपड़, त्रिपोलिया गेट, जौहरी बाजार और सांगानेरी गेट पर एक के बाद एक बम धमाकों से जयपुर दहल उठा था। इन धमाकों में 80 लोगों की मौत हुई थी और 185 लोग घायल हुए थे। रामचंद्र मंदिर के पास से एक जिंदा बम बरामद किया गया, जिसे बम डिपोजल स्क्वाड ने रिफ्यूज कर दिया था।

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