अब शादियों में इको फ्रेंडली कार्ड, दो बार धोने से कार्ड बन जाएगा रुमाल...

Published : Feb 07, 2025, 11:47 AM ISTUpdated : Feb 07, 2025, 11:50 AM IST
eco friendly wedding cards

सार

राजस्थान के कोटा में डॉक्टर दंपति ने अपने बेटे की शादी के लिए इको फ्रेंडली इनविटेशन कार्ड तैयार करवाया, जो कपड़े के रुमाल पर प्रिंट किया गया है। यह पहल पर्यावरण संरक्षण और धार्मिक प्रतीकों के सम्मान की मिसाल बनी। 

कोटा। वर्तमान समय में लोग शादियों में तो खर्चा काफी करते ही हैं, लेकिन शादी के पहले महंगे-महंगे कार्ड भी छपवाते हैं। लेकिन इन कार्ड के चलते कहीं ना कहीं पर्यावरण को नुकसान भी पहुंचता है। लेकिन राजस्थान में एक डॉक्टर दंपति ने अपने बेटे की शादी के लिए इको फ्रेंडली कार्ड तैयार करवाया है। जो पूरे राजस्थान में चर्चा का विषय है।

डाॅक्टर दंपत्ति ने शुरू की नई पहल

हम बात कर रहे हैं कोटा के रंगबाड़ी योजना इलाके के रहने वाले डॉ. गिरीश चंद्र शर्मा और उनकी पत्नी डॉ. रश्मि तिवारी की। जिन्होंने अपने बेटे गौरीज गौतम की शादी के लिए यह कार्ड बनवाया है। बेटे की शादी 13 फरवरी को होनी है।

अचानक आया ख्याल तो इंटरनेट पर किया इको फ्रेंडली इनविटेशन कार्ड

जब शादी के लिए कार्ड तैयार करवाने की बात थी, तब पहले पेपर के कार्ड ही छपवाने के लिए जा रहे थे, लेकिन इसी बीच उनके मन में ख्याल आया कि क्यों न शादी के लिए इको फ्रेंडली इनविटेशन कार्ड तैयार किया जाए। इसके बाद उन्होंने इंटरनेट पर काफी सर्च किया और महाराष्ट्र के पुणे में इस तरह के कार्ड तैयार होने का उन्हें पता चला।

 

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37 रुपए का पड़ा एक कार्ड

फिर उन्होंने उगम कार्ड नाम की फर्म से बातचीत की और यह इको फ्रेंडली कार्ड तैयार करवाए हैं। डॉ गिरीश गौतम बताते हैं कि इससे पहले जब उन्होंने अपनी बेटी की शादी तय की थी उस वक्त कार्ड छपाई के 35 रुपए प्रति कार्ड के हिसाब से लगे थे। और अब जो कार्ड तैयार हुआ है वह कपड़े के रुमाल पर तैयार हुआ है। उसकी कोस्ट पर कार्ड करीब 37 रुपए है। परिवार ने कुल 800 कार्ड तैयार करवाए हैं।

डेढ़ फीट लंबा और डेट फीट चौड़े कार्ड की ये है खासियत

डॉक्टर गिरीश के अनुसार यह कार्ड जिस रुमाल पर तैयार हुआ है वह करीब डेढ़ फीट लंबा और डेट फीट चौड़ा है। इस पर जो इंक लगाई गई है वह परमानेंट नहीं बल्कि टेंपरेरी इंक है। दो बार धुलने पर यह पूरी तरह से साफ हो जाएगा और इसे आप एक रुमाल की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। कपड़ा भी काफी बेहतरीन क्वालिटी का है।

ऐसा कार्ड छपवाने के पीछे बताया एक और खास मकसद

परिवार का कहना है कि इको फ्रेंडली के अलावा उनके इस कार्ड को तैयार करवाने का एक मकसद यह भी है कि धार्मिक चिन्हों का अपमान नहीं हो। क्योंकि हम देखते हैं कि कार्ड लोग तैयार तो करवा लेते हैं लेकिन कई बार लोग उन्हें फेंक भी देते हैं जिससे कि धार्मिक चिन्हों का अपमान होता है। लेकिन इस कार्ड में ऐसा कुछ भी नहीं होगा।

 

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