
जयपुर। राजस्थान ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। 3 फरवरी को सूर्य सप्तमी के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय सूर्य नमस्कार कार्यक्रम में 1.53 करोड़ से अधिक लोगों ने भाग लेकर एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाया। यह संख्या पिछले वर्ष के 1.33 करोड़ प्रतिभागियों के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ा सामूहिक सूर्य नमस्कार बन गया। गुरुवार को विधानसभा में वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, लंदन के प्रतिनिधि प्रथम भल्ला ने इस उपलब्धि का प्रोविजनल प्रमाण पत्र जारी किया, जिसे शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने स्वीकार किया।
राज्य सरकार द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में सरकारी और निजी विद्यालयों के विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि बच्चे स्वस्थ रहें और योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। इसी उद्देश्य से विद्यालयों में प्रार्थना सभा के बाद सूर्य नमस्कार को अनिवार्य किया गया है।
मदन दिलावर ने कहा, "सूर्य नमस्कार केवल एक योग क्रिया नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और परंपरा का अभिन्न अंग है। यह न केवल शरीर को ऊर्जावान बनाता है, बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करता है।" उन्होंने सभी नागरिकों से इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करने की अपील की।
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राजस्थान ने लगातार दूसरी बार विश्व स्तर पर यह रिकॉर्ड अपने नाम किया है। गत वर्ष 1.33 करोड़ लोगों ने सूर्य नमस्कार कर विश्व रिकॉर्ड बनाया था, जिसे इस वर्ष 1.53 करोड़ से अधिक लोगों ने पीछे छोड़ दिया। यह उपलब्धि प्रदेश के लिए गर्व की बात है और योग के प्रति लोगों की बढ़ती जागरूकता को दर्शाती है।
विशेषज्ञों के अनुसार, सूर्य नमस्कार करने से शरीर में लचीलापन बढ़ता है, मांसपेशियां मजबूत होती हैं, रक्त संचार सुधरता है और मानसिक तनाव कम होता है। यह 12 योगासन का एक समूह होता है, जिसे नियमित करने से व्यक्ति का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।
शिक्षा मंत्री ने इस उपलब्धि के लिए सभी विद्यार्थियों, शिक्षकों और नागरिकों को बधाई दी और उम्मीद जताई कि अगले वर्ष इससे भी बड़ा रिकॉर्ड बनाया जाएगा।
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