
Rajasthan recruitment scam: राजस्थान में सरकारी नौकरियों में पारदर्शिता को लेकर एक बार फिर बड़ा कदम उठाया गया है। राज्य सरकार ने 2013 की कनिष्ठ लिपिक (LDC) भर्ती में फर्जी दस्तावेजों के जरिए नौकरी पाने वाले अभ्यर्थियों की जांच के आदेश दिए हैं। यह फैसला पंचायती राज विभाग ने लिया है, जिससे प्रदेश के सैकड़ों सरकारी कर्मचारियों की नौकरी पर खतरे की तलवार लटक गई है।
राजस्थान पंचायती राज विभाग ने पाया कि 2013 कनिष्ठ लिपिक (LDC) भर्ती में कई अभ्यर्थियों ने फर्जी अध्ययन व अनुभव प्रमाणपत्र देकर बोनस अंक हासिल किए और मेरिट लिस्ट में छलांग लगा ली। इसी शक ने सरकार को दस्तावेज़ सत्यापन का आदेश जारी करने पर मजबूर किया।
विभागीय आदेशों के मुताबिक, जांच टीम को 10 दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी। रिपोर्ट के आधार पर यह तय होगा कि किस अभ्यर्थी की नियुक्ति वैध है और किसने फर्जीवाड़ा किया। यह जांच प्रक्रिया प्रमाण पत्रों के दोबारा सत्यापन पर आधारित होगी।
विशेषज्ञों का अनुमान है कि यदि धांधली सिद्ध हुई तो:
यह कार्रवाई उन तमाम युवाओं के लिए भी सबक है, जो सरकारी नौकरी पाने के लिए धोखाधड़ी का सहारा लेते हैं। सरकार ने संकेत दिए हैं कि यदि रिपोर्ट में बड़ी गड़बड़ी सामने आई, तो अन्य विभागों की भर्तियों की भी जांच कराई जा सकती है।
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