तांबे की चूड़ियाें पर सोने की सील: राजस्थान में ज्वेलरी के कारोबार में कैसे हो रहा धोखा?

Published : Apr 17, 2025, 09:03 AM IST
 Rajasthan hallmark fraud

सार

राजस्थान के प्रमुख शहरों में तांबे और पीतल की ज्वेलरी पर फर्जी हॉलमार्क लगाकर उसे 22 कैरेट शुद्ध सोने के रूप में बेचा जा रहा है। जानिए कैसे ये ज्वेलरी दुकानदार उपभोक्ताओं को ठग रहे हैं।

Fake Hallmark Business: राजस्थान के प्रमुख शहरों में एक नए धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। ज्वेलरी दुकानदार तांबे और पीतल से बनी ज्वेलरी पर फर्जी हॉलमार्क लगाकर उसे 22 कैरेट शुद्ध सोने के रूप में बेच रहे हैं। यह धोखाधड़ी कई ज्वेलरी सेंटरों द्वारा की जा रही है जो ग्राहकों को ठग रहे हैं।

कैसे हो रही है फर्जी हॉलमार्क की बिक्री? 

राजस्थान के विभिन्न शहरों में ज्वेलरी दुकानदार तांबे और पीतल की ज्वेलरी पर फर्जी हॉलमार्क का स्टांप लगाकर उसे शुद्ध सोने के रूप में बेच रहे हैं। इस धोखाधड़ी में कई ज्वेलरी सेंटर शामिल हैं, जो ग्राहकों को यह विश्वास दिलाते हैं कि उनकी खरीदी गई ज्वेलरी 22 कैरेट शुद्ध सोने की है। हालांकि, इन ज्वेलरी पर लगे हॉलमार्क असली नहीं होते, और ग्राहक इस धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं।

किसे हो रहा है नुकसान? 

इस स्कैम से सबसे ज्यादा नुकसान उन उपभोक्ताओं को हो रहा है, जो बिना जांचे-परखे ज्वेलरी खरीदने के लिए दुकानों पर जाते हैं। उन्हें यह विश्वास दिलाया जाता है कि यह ज्वेलरी 22 कैरेट सोने की है, जबकि असल में यह तांबे और पीतल की बनी होती है। इसके कारण उपभोक्ताओं को भारी वित्तीय नुकसान हो रहा है और उनकी विश्वास की भावना भी टूट रही है।

कैसे पहचानें फर्जी हॉलमार्क? 

ग्राहकों को यह पहचानना कठिन हो रहा है कि वे असल में क्या खरीद रहे हैं। तांबे और पीतल की ज्वेलरी पर फर्जी हॉलमार्क लगाने के कारण, यह जानना मुश्किल हो गया है कि उनकी खरीदी हुई ज्वेलरी असल में सोने की है या नहीं। विशेषज्ञों के अनुसार, हर ज्वेलरी के साथ प्रमाणित हॉलमार्क होना चाहिए, जो भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा जारी किया गया हो। यदि ज्वेलरी पर सही हॉलमार्क नहीं है, तो यह एक स्पष्ट संकेत हो सकता है कि वह फर्जी है।

उपभोक्ताओं को सतर्क रहने की जरूरत 

यह धोखाधड़ी उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ा सिरदर्द बन गई है। ज्वेलरी के बारे में जानकारियां जुटाने के बजाय, अधिकतर लोग दुकानदारों के भरोसे अपनी खरीदारी करते हैं, जिससे वे धोखाधड़ी का शिकार हो रहे हैं। उपभोक्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी ज्वेलरी को खरीदने से पहले उसके हॉलमार्क की जांच जरूर करें। इसके साथ ही, हमेशा भरोसेमंद और प्रमाणित ज्वेलरी दुकानों से ही खरीदारी करें।

क्या हो सकता है समाधान? 

इस धोखाधड़ी को खत्म करने के लिए संबंधित विभागों को कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है। हालांकि, उपभोक्ताओं को अपने अधिकारों और ज्वेलरी की असलियत के बारे में जागरूक करना भी बहुत जरूरी है। आने वाले समय में पुलिस और अन्य संबंधित एजेंसियों से उम्मीद की जा रही है कि वे इस मामले की गंभीरता को समझते हुए कार्रवाई करेंगे। राजस्थान में इस तरह की धोखाधड़ी की बढ़ती घटनाएं दर्शाती हैं कि ज्वेलरी के बाजार में पारदर्शिता की आवश्यकता है, ताकि उपभोक्ता सुरक्षित और सही उत्पाद खरीद सकें।

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