
जयपुर.रामायण काल के दौरान जब राम सेतु का निर्माण किया गया था। तब भगवान राम का नाम लिखकर समुद्र में पत्थर डाले गए थे। वे सभी पत्थर तैरने लगे थे। जिनसे पूरा सेतु बनकर तैयार हो गया था। राजस्थान के एक म्युजियम में ऐसे ही कुछ पत्थर है। जो पानी में तैरते हैं। इन पत्थरों को देखने के लिए देश विदेश से लोग आते हैं।
देश विदेश से आते हैं यहां तैरते पत्थर देखने लोग
हां यह सच है कि राम नाम लिखे हुए पत्थर पानी में तैरते हैं। यह सब कुछ शायद देश में एक ही जगह है और वह है राजस्थान की राजधानी जयपुर। जयपुर के जल महल के सामने स्थित जैम एंड ज्वेलरी म्यूजियम में यह सब कुछ लोग अपनी आंखों से देख सकते हैं। छू सकते हैं, महसूस कर सकते हैं। विदेशों से इसे देखने के लिए लोग यहां आते हैं। जैम एंड ज्वेलरी म्यूजियम के ओनर का कहना है कि यह पत्थर देश भर से लोगों से जमा किए हुए हैं। इनमें से काफी सारे पत्थर तैरते हैं।उन पर श्री राम का नाम लिखा हुआ है। उनमें से कुछ पत्थर तो कितने पुराने हैं, इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है।
रामसेतु का अशं है ये पत्थर
लोग इन पत्थरों को रामसेतु का अंश बताते हैं। जैम एंड ज्वेलरी म्यूजियम के मालिक अनूप श्रीवास्तव का कहना है कि यहां पर सालों पुराने पत्थर रखे हुए हैं। कुछ उल्का पिंड भी हैं जो अलग-अलग देश या राज्यों के लोगों ने यहां रखवाया हैं। म्यूजियम में एक कुंड है जहां पर 7 से 8 पत्थर तैरते हुए दिखाई देते हैं। इन्हें छूकर महसूस किया जा सकता है, इनका वजन 4 किलो और उससे ज्यादा है। अनूप का कहना है कि कल 22 जनवरी को म्यूजियम में विशेष इंतजाम किए गए हैं। पूजा पाठ भजन आरती और उसके बाद 15000 कैरेट का माणक रत्न से बनी एक मंदिर प्रतिकृति भी रखी गई है। इसकी कीमत करोड़ों रुपए में है।
पानी में तैर रहा 4 किलो का पत्थर
अनूप का कहना है कि जयपुर में इस म्यूजियम को देखने दुनिया भर से लोग आते हैं। वह ताज्जुब करते हैं कि आखिर यह कैसे संभव है। अनूप ने कहा कि कई साल पुराना एक पत्थर दादी के जमाने का है, जिसका वजन 4 किलो से ज्यादा है। वह भी पानी में तैरता हुआ दिखाई देता है। इस म्यूजियम में हर साल लाखों की संख्या में लोग आते हैं।रंगीन रतन और ज्वेलरी का यह म्यूजियम इस तरह से सजाया गया है जैसे कोई राजमहल हो।
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