
नागौर, राजस्थान में नागौर जिले (nagaur news) के मूंडवा उपखंड क्षेत्र में रविवार को एक दर्दनाक हादसा (tragic accident) हुआ, जब मुंदियाड़ गांव के पास हाईटेंशन लाइन का तार गिरने से बाइक सवार तीन युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। इस हादसे ने बिजली विभाग की लापरवाही को एक बार फिर उजागर कर दिया है।
हादसे में तीन युवकों की जलकर मौत प्राप्त जानकारी के अनुसार, मुंदियाड़ गांव निवासी पीथाराम देवासी, कालूराम देवासी और जेठाराम देवासी मोटरसाइकिल से कड़लू की ओर जा रहे थे। गांव से लगभग एक किलोमीटर दूर हाईटेंशन लाइन का तार अचानक टूटकर गिर गया और बाइक उसके संपर्क में आ गई। तेज करंट के कारण मौके पर ही तीनों युवकों की जलकर मौत हो गई और उनकी मोटरसाइकिल भी पूरी तरह खाक हो गई।
गुस्साए ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन घटना के बाद ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। मृतकों के परिजन व स्थानीय लोग मौके पर एकत्रित हो गए और बिजली विभाग के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया। ग्रामीणों ने मृतकों के परिवार को 15-15 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने और अजमेर डिस्कॉम के मूंडवा सहायक अभियंता को निलंबित करने की मांग की। प्रदर्शन में पूर्व सरपंच दिनेश फरड़ौदा, टेलीफोन सलाहकार समिति के सदस्य सायरराम देवासी समेत कई जनप्रतिनिधि शामिल हुए।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि बिजली विभाग हर साल करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद लाइनों का उचित रखरखाव नहीं करता। हादसे के समय हाईटेंशन लाइन का तार गिरने के बावजूद उसमें करंट बहता रहा, जिससे यह त्रासदी हुई। विशेषज्ञों के अनुसार, अगर जीएसएस पर वीसीबी (वैक्यूम सर्किट ब्रेकर) सही तरीके से काम कर रहा होता, तो हादसे के तुरंत बाद करंट सप्लाई रुक जाती। लेकिन अधिकांश जीएसएस पर रखरखाव की अनदेखी के कारण वीसीबी खराब पड़े हैं।
नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया के जरिए राजस्थान सरकार से मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने अजमेर डिस्कॉम के एमडी से भी इस मामले में वार्ता कर उचित कदम उठाने की अपील की।
नागौर जिले में हाईटेंशन तारों के कारण पहले भी कई जानलेवा घटनाएं हो चुकी हैं। सितंबर 2024 में कुचेरा थाना क्षेत्र के इग्यार गांव में करंट लगने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई थी। बावजूद इसके, बिजली विभाग द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए, जिससे इस तरह की घटनाएं दोहराई जा रही हैं।
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि बिजली विभाग की लापरवाही कितनी घातक साबित हो सकती है। अगर समय रहते बिजली लाइनों की उचित देखरेख नहीं की गई, तो भविष्य में और भी ऐसे हादसे हो सकते हैं। सरकार और प्रशासन को चाहिए कि वे इस मामले को गंभीरता से लें और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करें, ताकि इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।
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