जोधपुर (राजस्थान). जोधपुर के सूरसागर थाना क्षेत्र में 15 वर्षीय किशोर के लापता होने का मामला 17 दिन बाद सुलझ गया। परिजनों द्वारा अपहरण का मामला दर्ज करवाने के बाद पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई की और ऑपरेशन ..उमंग.चतुर्थ.. के तहत उसे ढूंढ निकाला।
किशोर ने 25 नवंबर को पिता की कंस्ट्रक्शन साइट पर जाने का बहाना बनाकर घर छोड़ा था। वह न साइट पर गया और न ही वापस लौटा, जिससे परिजन चिंतित हो गए। बार-बार समझाने के बावजूद परिजनों द्वारा मोबाइल और दोस्तों के साथ घूमने.फिरने की अनुमति न मिलने से वह नाराज था। पुलिस ने किशोर की तलाश के लिए सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उसका रूट मैप तैयार किया। कमिश्नर राजेंद्र सिंह के सुपरविजन में सूरसागर थानाधिकारी मांगीलाल विश्नोई के नेतृत्व में टीम ने कार्रवाई की।
जांच में पता चला कि किशोर ने घर छोड़ने के बाद चौपासनी हाउसिंग बोर्ड इलाके में एक होटल में कुछ दिनों तक मजदूरी की। इसके बाद वह जयपुर चला गया। जयपुर में भी उसने मजदूरी कर जीवनयापन किया। कुछ दिन पहले वह वापस जोधपुर लौटा और किराए पर कमरा लेकर रहने लगा। फोन लेना तो दूर दो वक्त की रोटी के जुगाड़ में ही उसका समय बर्बाद होने लगा। छोटा होने के कारण कोई काम नहीं देता था। स्कूल की छुट्टियां हुई सो अलग।
पुलिस ने किशोर को सुरक्षित ढूंढकर परिजनों को सौंपा। अपने बेटे को 17 दिनों बाद देखकर परिजन भावुक हो गए। पुलिस ने किशोर को समझाया और भविष्य में इस तरह के कदम न उठाने की सलाह दी। किशोर का पिता कंस्ट्रक्शन फील्ड का बड़ा कारोबारी है। उनका कहना था कि बेटा 18 साल का होता जब उसे बाइक और मोबाइल फोन दिलाता, लेकिन उसने फोन लेने के लिए इतनी खतरनाक साजिश रची, जिससे पूरा शहर ही हिल गया।