
बीकानेर. राजस्थान कई कई ग्रामीण इलाकों में अभी भी इतना अंधविश्वास फैला है कि बीमारियों के लिए लोग डॉक्टर के पास जाने की जगह तांत्रिक के पास जाना पसंद करते हैं। फिर चाहे तांत्रिक कितना ही बड़ा कांड कर दे। बाद में उनको अस्पताल जाना ही पड़ता है। इसी तरह का एक मामला बीकानेर जिले के नोखा थाना इलाके से सामने आया है। 19 साल की लड़की को अब अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसका इलाज किया जा रहा है।
परिवार ही बने सबसे बड़े अंधविश्वासी
दरअसल, 19 साल की लड़की वर्षा पांच दिन पहले बाजार से लौट रही थी। इस दौरान उसे अचानक चक्कर आया। घर पहुंचने के बाद वह बेहोश हो गई। परिवार की महिलाएं उसे अस्पताल ले जाने की जगह गांव के ही तांत्रिक देवी सिंह चौहान के पास ले गई। चौहान ने झाड़ फूंक किया और कहा कि बुरी आत्मा घुस गई है, बड़ा हवन करना होगा।
इलाज की बजाए तांत्रिक को दे दिए हजारों रुपए
परिवार डर गया और हवन सामग्री के नाम पर तात्रिंक को हजारों रुपए दे दिए। उसके बाद तांत्रिक ने हवन किया, लेकिन लड़की सही नहीं हुई। उसके बाद उसने परिवार को कहा कि आत्मा बहुत ज्यादा बुरी है। बंद कमरे में इलाज करना होगा। उसने परिवार को यह भी कहा कि कमरे से चीखने की चाहे कितनी भी आवाजें आएं, लेकिन अंदर मत आना। परिवार ने ऐसा ही किया।
लड़की को लात-घूंसों से इतना पीटा की बहने लगा खून
बाद में लड़की अधमरी हालत में बाहर आई। उसके शरीर से, हाथ और पैरों से खून रिस रहा था। वह अचेत थी। तांत्रिक ने कहा दो घंटे के बाद जाग जाएगी, ले जाओ। लड़की होश में आई तो उसने कहा कि उसे थप्पड़ों और लात घूंसों से पीटा गया। छेड़छाड़ की गई और गर्म सरियों से दागा गया। वर्षा को अब सरकारी अस्पताल में भर्ती किया गया है। उसने पर्चा बयान के आधार पर तांत्रिक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।
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