
फतेहपुर (राजस्थान). 6 साल की उम्र के बच्चे को कितना ज्ञान होता होगा। शायद उसे अपने घरवालों के नंबर भी मुश्किल से याद हो। लेकिन क्या कभी आप सोच सकते हैं कि इतनी सी उम्र में किसी को धार्मिक ग्रंथ याद हो। इतना ही नहीं वह धार्मिक कथाओं का वाचन करें। ऐसा राजस्थान के फतेहपुर में हकीकत में हो रहा है। यहां 6 साल उम्र की बच्ची कृष्णा किशोरी व्यास नानी बाई के मायरे की कथा सुना रही है। जिसे सुनने के लिए रोजाना सैकड़ो लोग वहां आ रहे हैं। इस छोटी सी उम्र की बच्ची की आवाज भी इतनी मधुर है कि चाहे बुजुर्ग हो या युवा वह इसे सुनने के लिए जरूर आएगा।
4 साल की उम्र सुना रही भगवान की कथा...
कृष्णा किशोरी व्यास बताती है कि घर में हमेशा से धार्मिक माहौल था। उनके पिता महेश का कहना है कि 4 साल की उम्र में वह भगवान कृष्ण की भक्ति करने लगी। जब भी भगवान कृष्ण और राधा की तस्वीर देखी तो कहती कि यही मेरे मामा और मामी है। करीब एक डेढ़ साल पहले जब परिवार का वृंदावन जाना हुआ तो वापस आकर कृष्णा अपने मामा मां के घर जाकर आई है।
एक बार पढ़ने और सुनने से हो जाता है सब याद
कृष्णा का कहना है कि उसके दादा स्वर्गवासी बनवारी लाल भी नानी बाई के मायरे की कथा का वाचन करते थे ऐसे में कृष्णा ने अपने दादा की रिकॉर्ड कैसेटस को सुना और आज उसे पूरी कथा याद हो गई। घर वालों ने भी काफी सपोर्ट किया। इसके अलावा भगवान के भजन और अन्य कई कथाएं भी याद है। जब भी कस्बे में कोई धार्मिक कार्यक्रम होता है तो वहां कृष्णा जाती जरूर है। रोजाना सुबह 5 उठकर भगवान की पूजा करना और लहसुन प्याज नहीं खाना। स्कूल की पढ़ाई के अलावा धार्मिक किताबों को पढ़ना 6 साल की इस मासूम ने अपनी आदत बना लिया है।
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