
भीलवाड़ा. राजस्थान के भीलवाड़ा में रक्षा जैन ने एक ऐसा अद्वितीय कार्य किया है जो समाज में मातृत्व और करुणा की मिसाल पेश करता है। पेशे से इलेक्ट्रोथेरेपिस्ट और दो बच्चों की मां, रक्षा ने नवजात शिशुओं को स्तनपान कराने के लिए अपने दूध का दान किया है। उनकी इस सेवा के कारण वे आज पूरे देश में चर्चित हो रही हैं। हाल ही में रक्षा जैन का नाम इंडिया बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में शामिल किया गया है।
खुद के बच्चे को नहीं पिला पाईं दूध तो बना डाला मदर मिल्क बैंक
रक्षा का यह सफर 2018 में शुरू हुआ जब उन्होंने अपने पहले बच्चे को जन्म दिया। उस समय उन्हें दूध नहीं आ रहा था और उन्होंने आंचल मदर मिल्क बैंक से सहायता ली। इस अनुभव ने उन्हें प्रेरित किया कि वे अन्य जरूरतमंद बच्चों की मदद करें। जब उनका दूध आने लगा, तो उन्होंने इसे दान करने का निर्णय लिया। रक्षा ने जून 2018 से 2019 तक 54 लीटर और फिर फरवरी 2023 से नवंबर 2023 तक 106.81 लीटर दूध दान किया, जिससे कुल मिलाकर 160.81 लीटर दूध का योगदान दिया गया। जिससे करीब 5000 बार बच्चों को दूध पिलाया जा सका।
रक्षा कहती यह एक जीवनदायिनी सेवा
रक्षा का मानना है कि मातृत्व का यह कार्य केवल एक दान नहीं, बल्कि जीवनदायिनी सेवा है। वे नियमित रूप से दूध दान करने के लिए आंचल मदर मिल्क बैंक जाती थीं, और उनके योगदान से हजारों बच्चों को जीवन मिला है। उनका यह कार्य न केवल भीलवाड़ा बल्कि पड़ोसी जिलों में भी महत्वपूर्ण साबित हुआ है।
कैसे काम करता भीलवाड़ा का मदर मिल्क बैंक
इसके अलावा, रक्षा ने लाइफ वेलफेयर सोसाइटी पिंक स्क्वाड का गठन किया है, जिसमें 20 महिलाओं का एक समूह शामिल है। यह संगठन नवजात शिशुओं को कुपोषण से बचाने के लिए जागरूकता फैला रहा है। दूध दान की प्रक्रिया भी सरल है। भीलवाड़ा के महात्मा गांधी अस्पताल में, स्वस्थ महिलाओं से दूध इकट्ठा किया जाता है, जिसे पास्चुरीकृत कर जरूरतमंद बच्चों को प्रदान किया जाता है। रक्षा जैन की कहानी मातृत्व के अद्भुत स्वरूप को दर्शाती है और समाज में एक सकारात्मक परिवर्तन लाने की प्रेरणा देती है।
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