विश्व आदिवासी दिवस मनाया जा रहा है। हमारे देश में छत्तीसगढ़ से लेकर झारखंड मे आदिवासी सांस्कृतिक परंपरा को दिखाने के कई कार्यक्रम आयोजित हैं। इस मौके पर जानिए आदिवासियों के मानगढ़ धाम की कहानी।
डूंगरपुर. राजस्थान के डूंगरपुर जिले का मानगढ़ धाम, बीते साल इन्हीं दिनों में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां पर सभा करके राजस्थान और मध्य प्रदेश के आदिवासी लोगों को साधने का काम किया था। वही अब बारी राहुल गांधी की जो आज राजस्थान में मानगढ़ से शुरुआत करके अपनी पार्टी की चुनावी प्रचार यात्रा भी शुरू करने वाले है। हाल ही में संसद के लिए बहाल होने के बाद वह पहली बार खुले मंच से सभा करेंगे।
खून से लाल हो गया था मानगढ़ धाम का पहाड़
क्या आप जानते हैं कि पूरे देश में मानगढ़ धाम अपनी अलग पहचान रखता है क्योंकि इस धाम से आदिवासियों की कई यादें जुड़ी हुई है। इसी धाम पर साल 1913 में अंग्रेजों ने 1500 आदिवासियों को पहाड़ी पर गिरकर गोलियों से भून दिया था और जो लोग बचे उन सबको जेल में डाल दिया गया।
एक गुरू ने आदिवासियों को एक जुट करके अंग्रेजों को खदेड़ा
वहीं इस धाम पर राजनीतिक कार्यक्रम करने के पीछे कई कारण है सबसे पहली बात तो यह की गुरु गोविंद जो कि आदिवासियों के नेता थे। उन्होंने यही से समाज के लोगों को एकजुट रहने का संदेश दिया था। इनकी एक एकजुटता को देख कर उस जमाने में अंग्रेजों को भी दिक्कतें होती थी।
मानगढ़ धाम पीएम मोदी आ चुके...आज आ सकतें राहुल गांधी
वहीं राजनीतिक जानकारों की माने तो आज राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश के उद्योगपतियों से तो आधी पर बातचीत करने वाले हैं। क्योंकि इसी मामले को लेकर जब उन्होंने संसद में आवाज उठाई थी तो उन्हे निष्कासित कर दिया गया था। लेकिन अब करीब 100 दिन के लंबे अंतराल के बाद एक बार उन्हें फिर सांसदी मिल चुकी है। वही आदिवासियों को लेकर भी आज राहुल गांधी जमकर पीएम पर बरस सकते हैं।