
Bone Marrow Transplant Free : राजस्थान की राजधानी जयपुर स्थित सवाई मानसिंह (एसएमएस) अस्पताल ने एक बार फिर चिकित्सा क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि दर्ज की है। यहां पहली बार हेमेटोलॉजी क्लिनिकल डिपार्टमेंट की नई यूनिट में अप्लास्टिक एनीमिया से पीड़ित महिला का सफल बोनमेरो ट्रांसप्लांट किया गया। यह उपलब्धि इसलिए भी खास है क्योंकि यह जटिल प्रक्रिया पूरी तरह मुफ्त में मुख्यमंत्री आयुष्मान योजना (मां योजना) के तहत की गई।
चित्तौड़गढ़ निवासी 33 वर्षीय महिला 2018 से इस गंभीर बीमारी से लड़ रही थी। उसे पिछले 6 वर्षों में 200 यूनिट से अधिक खून और 50 यूनिट से ज्यादा प्लेटलेट्स चढ़ाए गए। इसके बावजूद उसका हीमोग्लोबिन बेहद कम रहता था और प्लेटलेट्स का स्तर 15 हजार से ऊपर नहीं जा पाता था। प्लेटलेट्स की कमी के कारण उसे बार-बार ब्लीडिंग की समस्या का सामना करना पड़ता और अस्पताल में भर्ती होना पड़ता था।
एसएमएस अस्पताल के हेमेटोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. विष्णु कुमार शर्मा ने बताया कि पहले महिला का इलाज दवाओं से स्थिर किया गया। इसके बाद उसके भाई से बोनमेरो स्टेम सेल लिए गए और एलोजेनिक ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया की गई। मरीज को इम्यूनिटी दबाने वाली दवाइयां दी गईं ताकि नए सेल शरीर में जम सकें। अब महिला के बोनमेरो में रेड ब्लड सेल बनने शुरू हो गए हैं और वह स्वस्थ होने की ओर है।
निजी अस्पतालों में लाखों का खर्च विशेषज्ञों के अनुसार, यह प्रक्रिया यदि किसी बड़े प्राइवेट अस्पताल में कराई जाती तो करीब 15 से 20 लाख रुपए तक का खर्च आता। लेकिन एसएमएस अस्पताल ने इसे राज्य सरकार की योजना के तहत शून्य खर्च में पूरा किया। यह कदम आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों के लिए बड़ी राहत साबित होगा।
इसी विभाग में हाल ही में भरतपुर के एक युवक का भी इलाज किया गया, जो ब्लड कैंसर (मायलोमा) से पीड़ित था। उसका ऑटोलॉगस ट्रांसप्लांट सफलतापूर्वक किया गया। इसमें मरीज के ही शरीर से स्टेम सेल निकालकर, हाईडोज कीमोथेरेपी के बाद वापस बोनमेरो में चढ़ाए गए। अब युवक भी धीरे-धीरे सामान्य जीवन की ओर लौट रहा है।
इस उपलब्धि से एसएमएस अस्पताल राजस्थान ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर भारत में बोनमेरो ट्रांसप्लांट के क्षेत्र में नई उम्मीद की किरण बनकर उभरा है।
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