
श्रीगंगानगर ( राजस्थान). दिल्ली में किसानों का अपनी मांगों लेकर हल्ला बोल जारी है। वह केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध करने राजधानी पहुंच रहे हैं। इसी बीच जानिए राजस्थान के एक ऐसे किसान की कामयाबी की कहानी, जो सिर्फ पौधे उगाते हैं और फिर उन पौधों को बेच देते हैं। ऐसा करने से उन्हें लाखों रुपए का फायदा होता है।
दरअसल,हम बात कर रहे हैं राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के हरीश चंद्र कासनिया की। जिन्होंने इलाके में होने वाली पारंपरिक खेती छोड़कर नर्सरी पौध व्यवसाय शुरू किया। आज उनका यह व्यावसायिक केवल श्रीगंगानगर ही नहीं बल्कि देशभर में अपनी अलग पहचान बन चुका है। हरीश बताते हैं कि उनके पास खेती करने के लिए पर्याप्त जमीन में नहीं थी और उस पर जो पारंपरिक खेती करते, उससे भी ज्यादा कुछ फायदा नहीं मिल पाता। ऐसे में उन्होंने राजस्थान स्टेट मेडिसिनल प्लांट बोर्ड के एक प्रशिक्षण शिविर में भाग लिया।
किसान प्रशिक्षण शिविर में उन्होंने खेती के नए और लाभकारी तरीके सीखे। तब से उन्होंने सोच लिया था कि अब से पौध व्यवसाय शुरू करेंगे। इसके बाद दो से तीन साल में उन्होंने खुद की नर्सरी तैयार कर ली। और आज हर महीने उन्हें करीब 5 लाख से ज्यादा की कमाई हो रही है। उनके इस बिजनेस को देखते हुए अब अन्य किसान भी इस व्यवसाय में लग चुके हैं।
हरीश बताते हैं कि वह हर साल लाखों नींबू के पौधे भी तैयार करते हैं। सबसे पहले 4 से 5 साल की उम्र के पौधों को बागों में ट्रांसप्लांट किया जाता है जिसे जल्द ही उस पर फल आते हैं। इसके अतिरिक्त वह खजूर, किन्नू, माल्टा सहित अन्य फलों की भी पौध तैयार करते हैं। पॉलीहाउस में यह पौधे तैयार करते हैं और इसके अलावा पौधों को पानी देने के लिए ड्रिप सहित तमाम तकनीकी उपयोग में लाते हैं। हरीश बताते हैं कि यदि पारंपरिक खेती को छोड़कर किस कुछ नया करें तो अवश्य ही उसे फायदा होगा।
राजस्थान की राजनीति, बजट निर्णयों, पर्यटन, शिक्षा-रोजगार और मौसम से जुड़ी सबसे जरूरी खबरें पढ़ें। जयपुर से लेकर जोधपुर और उदयपुर तक की ज़मीनी रिपोर्ट्स और ताज़ा अपडेट्स पाने के लिए Rajasthan News in Hindi सेक्शन फॉलो करें — तेज़ और विश्वसनीय राज्य समाचार सिर्फ Asianet News Hindi पर।