
कोटा. रेलवे ग्रुप डी भर्ती में फर्जीवाड़े का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें डमी कैंडिडेट के ज़रिए नौकरी हासिल करने के आरोप में दो महिला रेलकर्मियों को सेवा से हटा दिया गया है। यह कार्रवाई रेलवे और सीबीआई की संयुक्त जांच के बाद की गई है।
जिन दो महिला कर्मियों को सेवा से बर्खास्त किया गया है, उनके नाम सपना मीणा और आशा मीणा हैं। सपना को टीआरडी विभाग में हेल्पर और आशा को सोगरिया स्टेशन पर पॉइंट्समैन के पद पर नियुक्त किया गया था। जांच में सामने आया कि सपना की जगह दिल्ली की एक पुलिसकर्मी लक्ष्मी मीणा ने परीक्षा दी थी और उसी ने मेडिकल और वेरीफिकेशन भी कराया था।
रेलवे भर्ती बोर्ड अजमेर द्वारा 2019 में निकाली गई इस भर्ती में ऑनलाइन आवेदन करने के बाद सपना और आशा ने मिलकर डमी कैंडिडेट के ज़रिए परीक्षा दिलवाई। फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ जब सपना के पति मनीष मीणा ने शिकायत की। मनीष ने आरोप लगाया कि सपना ने नौकरी लगने के बाद उसका साथ छोड़ दिया और तलाक की प्रक्रिया शुरू कर दी। मनीष ने दावा किया कि उसने सपना की पढ़ाई और भर्ती की तैयारी के लिए जमीन बेचकर लाखों रुपए खर्च किए थे।
CBI ने इस मामले में गंभीरता से जांच शुरू की और राजेंद्र मीणा व चेतराम मीणा नामक दो अन्य रेलकर्मियों को भी निलंबित कर दिया गया है, जिन पर इस पूरे फर्जीवाड़े में सहयोग करने का आरोप है। मामले की जांच अभी जारी है और जल्द ही और भी खुलासे हो सकते हैं।
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