
उदयपुर. राजस्थान को वैसे तो रेगिस्तान कहा जाता है। लेकिन इस रेगिस्तान में लाखों जहरीले सांप भी होते हैं। कई बार यह सांप राजस्थान में आबादी क्षेत्र की तरफ भी आ जाते हैं। ऐसे में इन सांपों के रेस्क्यू के लिए आमतौर पर सिविल डिफेंस को कॉल किया जाता है। लेकिन उदयपुर में ऐसा नहीं है। यहां किसी आबादी क्षेत्र में सांप आता है तो उस सांप को रेस्क्यू करने के लिए कोमल गमेती को बुलाया जाता है। आज वर्ल्ड स्नेक डे बात राजस्थान की इसी बेटी की। जो अब तक 300 से ज्यादा सांपों को रेस्क्यू कर चुकी है। यह फिलहाल फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट है।
उदयपुर की रहने वाली है कोमल
कोमल ने अपनी शुरुआत की पढ़ाई ग्रामीण इलाके में पूरी की। इस दौरान गांव में कई बार सांप और अन्य वन्य जीवों को मरते हुए देखा तो काफी दिल दुखता। वह कोशिश करती कि किसी भी जीव को परेशानी नहीं हो। 12वीं क्लास में कोमल उदयपुर पढ़ने के लिए आई तो यहां उसने स्नेक कैचर चमन सिंह के बारे में सुना और फिर उनसे सांप का रेस्क्यू करने के लिए ट्रेनिंग लेना शुरू कर दिया।
उदयपुर की यह बेटी 350 से ज्यादा सांप पकड़ चुकी
बता दें कि उदयपुर की यह बेटी अब तक यह 350 से ज्यादा सांप को रेस्क्यू कर चुकी है। कोमल का मानना है कि वह इसी क्षेत्र में काम करना चाहती है। कोमल कहती है कि जिस कदर हम सांप और अन्य वन्य जीव से डरते हैं इस तरह वह भी हमारे से डरते हैं। ऐसे में उन्हें बेवजह परेशान नहीं करना चाहिए। कोमल अबतक स्पेक्टिकल कोबरा,ट्री स्नेक जैसे कई सांप को पकड़ चुकी है।
आज है सर्प दिवस
बता दें कि आज यानि 16 जुलाई को सांपों का दिन यानि सर्प दिवस, इसलिए आपको हमने सांपों से संबंधित कोमल की यह कहानी बताई है। जिसकी सांपों से इंसानों की तरह दोस्ती है।
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