
Unique Bank of Rajasthan : डूंगरपुर जिले के सुदूर आदिवासी क्षेत्र बरबोदनिया गांव में महिलाएं एक ऐसी आर्थिक क्रांति की इबारत लिख रही हैं, जो पूरे देश के लिए मिसाल बन गई है। यहां कोई बड़ी इमारत नहीं, कोई महंगी डिग्रियां नहीं, लेकिन आत्मनिर्भरता और आत्मबल से खड़ा हुआ एक 'महिला मिनी बैंक' है, जिसे पूरी तरह महिलाएं चला रही हैं।
यह बैंक पुरुषों के बिना चलता है, और बड़ी बात यह है कि इसकी जरूरत भी नहीं समझी गई। बैंक में कैशियर, मैनेजर से लेकर अध्यक्ष तक सभी जिम्मेदारियां महिलाएं ही संभालती हैं। पुरुषों का इस बैंक में खाता तक नहीं खोला जाता, क्योंकि यह सिर्फ महिलाओं के लिए है।
साल 2002 में मात्र कुछ महिलाओं की बचत से शुरू हुआ यह बैंक अब करोड़ों का टर्नओवर कर रहा है। यह बैंक सहकारी समिति अधिनियम के तहत पंजीकृत है और इसमें आज 1700 से अधिक महिला खाताधारक हैं। सबसे बड़ी बात है कि कोई डिफॉल्टर तक नहीं है।
ये दो नाम इस क्रांति की आधारशिला हैं, जो शुरुआत से ही इस बैंक के संचालन में सक्रिय हैं। दोनों ने मिलकर पहले एक महिला बचत समूह शुरू किया था, जिसे 6 महीने बाद महिला मिनी बैंक का रूप दिया गया।
इस बैंक में वर्तमान में 642 बचत खाते, 666 आरडी और 429 एफडी खाते हैं। अब तक 213 महिलाओं को लगभग 40 लाख रुपये से अधिक का ऋण दिया जा चुका है। बैंक की कुल जमा राशि 2 करोड़ रुपये से अधिक है और हर महीने औसतन 20 लाख रुपये का टर्नओवर होता है।
इस बैंक का संचालन अब एक पक्के भवन से हो रहा है, जहां सभी कार्यप्रणालियां आधुनिक तरीके से चलाई जाती हैं। समिति की वर्तमान अध्यक्ष शांतिदेवी पुंजोत हैं, जिनके नेतृत्व में यह संस्था और भी ऊंचाइयों को छू रही है।
बरबोदनिया की यह महिला बैंकिंग व्यवस्था सिर्फ एक संस्था नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण का जीता-जागता उदाहरण है। यह साबित करता है कि अगर महिलाओं को अवसर और नेतृत्व का मंच मिले, तो वे गांवों से भी बदलाव की बड़ी लहर पैदा कर सकती हैं।
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