वड़ोदरा का पहला स्कूल जहां होता है बारिश के पानी का संरक्षण, जून में शुरू हुई थी योजना

वडोदरा कलेक्टर ने रविवार को बताया कि उनके ग्रामीण क्षेत्रों में 1000 स्कूलों में वर्षा जल संचयन प्रणाली विकसित की गई है। इसने वडोदरा को देश का पहला ऐसा जिला बना दिया है, जहां स्कूलों में ऐसी सुविधा उपलब्ध है। यह प्रणाली राज्य सरकार द्वारा जून 2020 में विकास की ओर एक उठाये गए एक कदम से पूर्ण हो सकी है।

Asianet News Hindi | Published : Sep 27, 2020 2:29 AM IST / Updated: Sep 27 2020, 08:00 AM IST

वडोदरा. एक तरफ देश जैसी वैश्विक महामारी कोरोनावायरस के संकट से गुजर रहा है वहीं इस बीच गुजरात में सरकार लगातार विकास के लिए कदम उठाये जा रही है। वडोदरा कलेक्टर ने रविवार को बताया कि उनके ग्रामीण क्षेत्रों में 1000 स्कूलों में वर्षा जल संचयन प्रणाली विकसित की गई है। इसने वडोदरा को देश का पहला ऐसा जिला बना दिया है, जहां स्कूलों में ऐसी सुविधा उपलब्ध है। यह प्रणाली राज्य सरकार द्वारा जून 2020 में विकास की ओर एक उठाये गए एक कदम से पूर्ण हो सकी है।

कलेक्टर ने बताया कि मॉनसून के दौरान प्रत्येक स्कूल द्वारा एक लाख लीटर पानी का संचय किया गया। इस प्रकार कुल 10 करोड़ लीटर से अधिक बारिश के पानी को व्यर्थ होने से बचाकर जमीन में संग्रह किया गया है। इस प्रोजेक्ट से वर्षा जल को बचाने के अलावा, स्कूली छात्रों को जल संचयन का महत्व समझाने में भी मदद मिली है।

कब लांच हुई थी योजना

गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने 29 जून 2020 को सरकारी स्कूलों और विभिन्न सरकारी कार्यालयों में वर्षा जल संचयन परियोजना को ऑनलाइन लॉन्च किया था। इसके तहत वडोदरा में 1000 स्कूलों में जल संचयन परियोजना (Rain Water Harvesting) शुरू की गई थी  है। यह देश की ऐसी पहली परियोजना है, जिसमें वडोदरा जिले के सभी सरकारी स्‍कूलों को मॉनसून के दौरान वर्षा जल संरक्षण के काम में शामिल किया गया है।

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