अलीगढ़ में उपद्रवियों ने तलवारें लहराकर रोका 'राम बारात' का रास्ता, 150 के खिलाफ FIR

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में रविवार रात राम बारात निकालने का विरोध करने पर बवाल मच गया। माहौल को देखते हुए इलाक में बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात है। इस मामले में पुलिस में 150 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है।

 

Amitabh Budholiya | Published : Oct 16, 2023 2:32 AM IST / Updated: Oct 16 2023, 10:04 AM IST

अलीगढ़. उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में रविवार(15 अक्टूबर) रात राम बारात निकालने का विरोध करने पर बवाल मच गया। माहौल को देखते हुए इलाक में बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात है। इस मामले में पुलिस में 150 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है।

अलीगढ़ में साम्प्रदायिक तनाव, राम बारात निकालने का विरोध, पढ़िए 12 बड़ी बातें

1.चंडौस कस्बे में रामलीला का आयोजन हो रहा है। इसी के तहत राम बारात निकाली जा रही थी। आयोजकों का दावा है कि राम बारात अपने तय रूट से निकाली जा रही थी।

2. राम बारात जब चामड़ के मुख्य बाजार में पहुंची, बभी मस्जिद के अंदर से 70-80 लोग हाथों में तलवारें लहराते हुए निकले और बारात का रास्ता रोकने लगे।

3.इसके बाद दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए। उपद्रवियों ने लाठी-डंडों से भी राम बारात में शामिल लोगों पर हमला किया। इसमें कुछ लोग जख्मी हो गए।

4.बवाल की सूचना मिलते ही डीएम इंद्र विक्रम सिंह, SSP कलानिधि नैथानी सहित बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची। पुलिस ने उपद्रवियों को वहां से खदेड़ा।

5. इस दौरान गुस्साए लोगों ने कलेक्टर-एसपी का घेराव भी कर दिया। हंगामा बढ़ते देख बाजार बंद हो गए।

6. पुलिस ने इस मामले में 150 उपद्रवियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। पुलिस वहां लगे CCTV फुटेज खंगाल रही है, ताकि उपद्रवियों की पहचान की जा सके।

7.राम बारात रोके जाने से लोग काफी गुस्से में दिखे। हिंदूवादी संगठनों से जुड़े लोग थाने पहुंच गए। पुलिस ने जब उन्हें समझाया, तो वे कलेक्टर-एसपी से भिड़ गए।

8. गुस्साए हिंदूवादी लोगों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और रास्ते जाम कर दिए। आरोप है कि हमलावर पहले से ही मस्जिद में मौजूद थे।

9.हैरानी की बात है कि लोकल अधिकारियों ने यहां उपद्रव होने की पहले से ही आशंका जताई थी। इसकी सीनियर अफसरों को रिपोर्ट भी सौंपी गई थी। पुलिस ने संदिग्धों पर नजर भी रखी थी।

10. दरअसल, चंडौस में पिछले 20 सालों से विवाद चला आ रहा है। जिस जगह पर रामलीला का आयोजन होता है, उसके ठीक बगल में मस्जिद है। मस्जिद वाली जमीन पर हिंदू संगठन अपना दावा करता आया है।

11. हालांकि वक्फ बोर्ड इसे अपनी सम्पत्ति बताता है। जबकि हिंदू संगठनों का दावा है कि सरकारी दस्तावेजों में यह जमीन नजूल में दर्शाई गई है।

12. 7 साल पहले विवादित जमीन पर मुस्लिम पक्ष ने दीवार खड़ी करके दरवाजा लगाने की कोशिश की थी। तब पुलिस और अधिकारियों ने उसे रुकवा दिया था।

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