
प्रयागराज: बरेली केंद्रीय जेल टू में दाखिल हुए अशरफ ने मीडिया से बातचीत में कहा कि एक अधिकारी ने उसे धमकी दी है। अधिकारी ने कहा कि अभी वह बच गए हैं लेकिन जेल से दो सप्ताह के बाद ही उसकी हत्या कर दी जाएगी। अशरफ के द्वारा कहा गया कि यदि ऐसा होता है तो मेरा एक बंद लिफाफा सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और सीएम के सामने खुलेगा।
'जेल में मुलाकात के समय सामने बैठते हैं अधिकारी'
जेल के गेट में दाखिल होने से पहले अशरफ ने वज्र वाहन में बैठकर मीडिया से बातचीत की। इस बीच जेल में 11 फरवरी को हुई मुलाकात को लेकर उसके द्वारा जवाब दिया गया कि जब भी कोई उससे मिलाई करने आता है तो एलआईयू के अधिकारी सामने बैठते हैं। जेल में सीसीटीवी कैमरे भी लगे हुए हैं। ऐसे में कोई कैसे योजना बना सकता है। हाईकोर्ट की ओर से आदेश दिया गया है वीडियो कांफ्रेंसिंग को लेकर लेकिन इसके बावजूद मुझे और मेरे भाई को जेल से बाहर निकाला गया। आदेश तो यह भी है कि जेल से बाहर निकलने के दौरान मेरा वकील मेरे साथ हो लेकिन यहां देखा जा सकता है कोई भी वकील साथ में नहीं था।
'जेल के भीतर नहीं है कोई भी खतरा, बाहर है डर'
सद्दाम से मुलाकात के बारे में अशरफ ने कहा कि वह मेरा साला है। ऐसे तमाम लोग हैं जो मुझसे जुड़े हुए हैं, मुझसे मिलना कोई अपराध नहीं है। अशरफ का कहना है कि जिस दौरान उमेश पाल का अपहरण और हत्या हुई दोनों ही समय वह जेल में था। उस पर फर्जी मुकदमा लिखवाया गया, हालांकि अब वह बरी होकर सामने खड़ा है। जेल में हत्या की प्लानिंग को भी उसके द्वारा बेबुनियाद बताया गया। उसने कहा कि जेल के भीतर उसे कोई खतरा नहीं है। हालांकि जेल के बाहर उसे खतरा है।
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