मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के साथ क्यों टूट जाता है सामने रखा शीशा, जानें क्या है वजह

कहा जाता है कि मंदिरों में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के साथ भगवान की प्रतिमा के सामने रखा शीशा टूट जाता है। क्या ये सच में होता है और अगर ऐसा होता है तो इसके पीछे क्या वजह है। जानें

 

Yatish Srivastava | Published : Jan 26, 2024 7:54 AM IST

अयोध्या। अयोध्या राम मंदिर उद्घाटन के साथ ही श्रद्धालुओं के मंदिर में दर्शन के लिए कतार लग रही है। भक्त रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या पहुंच रहे हैं। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। मंदिर आने वाले तमाम श्रद्धालुओं के मन प्राण प्रतिष्ठा की प्रक्रिया को लेकर अभी भी कई सवाल उफान मार रहे हैं। जैसे कहा जाता है कि मंदिरों में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के बाद सामने रखा शीशा टूट जाता है।

ये है मान्यता
भगवान की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा जब तक नहीं की जाती है तब तक प्रतिमा की आंख पर पट्टी बांधकर रखा जाता है। प्राण प्रतिष्ठा होने तक किसी भी हाल में पट्टी को निकाला नहीं जाता है। प्राण प्रतिष्ठा से पहले कई दिनों तक विशेष अनुष्ठान चलता है और वैदिक मंत्रोच्चारण होता रहता है। इससे मूर्ति में दैवीय ऊर्जा आ जाती है और पट्टी हटाने के साथ मूर्ति की आंखों से निकलने वाली दैवीय ऊर्जा शीशा टूट जाता है। संत-महात्मा इसे भगवान का चमत्कार मानते हैं।

पढ़ें Ram Mandir: राम लला कब उठेंगे-सोएंगे, आरती कब होगी? जानें पूरा शेड्यूल

प्राण प्रतिष्ठा में चक्षु उन्मीलन प्रकिया
ज्योतिषाचार्यों की माने तो शास्त्रों में भगवान की प्राण प्रतिष्ठा के बाद मूर्ति के सामने रखा शीषा टूटने की प्रक्रिया को चक्षु उन्मीलन कहते हैं। ज्योतिषाचार्यों की माने तो प्राण प्रतिष्ठा होने से मूर्ति में विशिष्ट ऊर्जा आ जाती है। कई जगह मूर्ति के सामने शीशा रखा जाता है और कई जगह पर नहीं। हांलाकि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दौरान मूर्ति के सामने किसी तरह का शीशा नहीं रखा गया है।

Read more Articles on
Share this article
click me!