
Ram Navami Ayodhya darshan timings: रामनवमी के पावन अवसर पर अयोध्या में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। इस विशेष पर्व को ध्यान में रखते हुए रामलला के दर्शन का समय बढ़ाने की तैयारी चल रही है, जिससे अधिक से अधिक भक्त भगवान श्रीराम के दर्शन कर सकें। अनुमान के अनुसार, रामनवमी के दिन मंदिर सुबह 5 बजे से रात 11 बजे तक खुला रहेगा, जिससे रामलला पूरे 18 घंटे तक भक्तों को दर्शन देंगे। हालांकि, श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन प्रशासन और मंदिर ट्रस्ट व्यापक तैयारियों में जुटे हुए हैं।
रामनवमी मेले के अंतिम तीन दिनों – 4, 5 और 6 अप्रैल – को अयोध्या में भक्तों की अपार भीड़ उमड़ने की संभावना है। इस दौरान मंदिर में दर्शन की अवधि बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है, ताकि लगभग 20 लाख श्रद्धालु बिना किसी असुविधा के रामलला के दर्शन कर सकें। श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए मंदिर प्रशासन अस्थाई कैनोपी लगा रहा है और रामजन्मभूमि पथ पर लाल कारपेट बिछाने की भी तैयारी की जा रही है। इसके अलावा, 200 स्थानों पर पेयजल की व्यवस्था की जा रही है, जिससे भक्तों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो।
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने बताया कि रामनवमी के अवसर पर रामलला के ललाट पर सूर्य अभिषेक की विशेष व्यवस्था की जा रही है। इस ऐतिहासिक क्षण को विशेषज्ञों की एक टीम अंजाम दे रही है, और इसे दुनियाभर में लाइव प्रसारित किया जाएगा, जिससे विश्वभर के भक्त इस अद्भुत दृश्य का आनंद ले सकें।
अयोध्या में भक्तिपथ पर आने वाले श्रद्धालुओं को अधिक सुविधा देने के लिए 600 मीटर लंबे मार्ग पर अस्थायी शेड लगाया गया है। इस मार्ग से भक्त हनुमानगढ़ी और कनक भवन के दर्शन के लिए जाते हैं, जहां अत्यधिक भीड़ उमड़ती है। सामान्य दिनों में रोजाना 70,000 से 80,000 श्रद्धालु दर्शन करते हैं, लेकिन मुख्य पर्व पर यह संख्या कई गुना बढ़ सकती है। ऐसे में तेज धूप से बचाने के लिए शेड लगाए गए हैं और पेयजल की अतिरिक्त व्यवस्था की जा रही है। इसके अलावा, एंबुलेंस सेवाएं भी तैनात की जाएंगी, जिससे किसी भी आपात स्थिति में श्रद्धालुओं को त्वरित चिकित्सा सुविधा मिल सके।
राममंदिर के अलावा, परकोटे में बन रहे छह अन्य मंदिरों – भगवान सूर्य, हनुमान, गणेश, माता जगदंबा, शंकर और माता अन्नपूर्णा तथा सप्तमंडप के महर्षि वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य, निषादराज, अहिल्या और शबरी के मंदिरों के शिखरों पर भी कलश स्थापित किए जाएंगे। संत तुलसीदास और शेषावतार मंदिर के कलशों का पूजन पहले ही संपन्न हो चुका है। अब विशेष मुहूर्त में इन कलशों की स्थापना की जाएगी, जिससे यह धार्मिक आयोजन और भी भव्य बन जाएगा।
यह भी पढ़ें: Akhilesh Yadav ने BJP को घेरा, Amit Shah ने किया ऐसा पलटवार की अखिलेश ने जोड़ लिए हाथ, VIDEO
उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।