अब अयोध्या शापित नहीं बल्कि एक विकसित नगरी होगी। यहां 100 से भी अधिक 5स्टार होटल निर्माण के लिए आवेदन आए हैं, एक समय ऐसा था कि एक सामान्य होटल भी यहां नहीं था।
Ayodhya Ram temple: अयोध्या शाही परिवार के सदस्य बिमलेंद्र मोहन प्रताप शाही ने कहा कि अयोध्या पर से माता सीता का श्राप खत्म हो चुका है। अब अयोध्या शापित नहीं बल्कि एक विकसित नगरी होगी। यहां 100 से भी अधिक 5स्टार होटल निर्माण के लिए आवेदन आए हैं, एक समय ऐसा था कि एक सामान्य होटल भी यहां नहीं था। अयोध्या के राजा के रूप में विख्यात बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र ने कहा कि अयोध्या का ऐतिहासिक विकास हो रहा है।
राम मंदिर में श्रीराम की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियों में जुटे बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा अयोध्या शाही परिवार के सदस्य हैं। 19वीं सदी में किसी समय इनका शासन माना गया है। शहर में उन्हें राजा साहब के नाम से जाना जाता है। बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र, राम मंदिर आंदोलन से भी जुड़े रहे हैं। वर्तमान में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के सदस्य भी हैं। मिश्र का राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़ाव तीन दशक से भी अधिक पुराना है। उन्होंने कहा कि 1990 में जब अयोध्या में पुलिस गोलीबारी में कम से कम 50 कारसेवक मारे गए थे तब उन्होंने कई कारसेवकों को अपने महल में शरण दी थी। उन्होंने बताया कि मैंने कभी उम्मीद नहीं की थी कि मैं अपने जीवनकाल में राम मंदिर का निर्माण देख पाऊंगा। यह मेरा सौभाग्य है।
अयोध्या में खुशी का माहौल...
बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र ने कहा: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से अयोध्या में खुशी का माहौल है। अस्थायी मंदिर बनाया गया था। छुट्टियों, मंगलवार, किसी भी त्योहार पर, पैर रखने की भी जगह नहीं होती। अयोध्या में कोई उचित होटल नहीं था और अब पांच सितारा होटल खोलने के लिए 100 से अधिक आवेदन आ चुके हैं। जिला मजिस्ट्रेट ने मुझे बताया। अयोध्या को स्मार्ट सिटी के रूप में भी विकसित किया जा रहा है। मुझे लगता है कि पांच साल में लोग सिर्फ दर्शन के लिए नहीं, बल्कि शहर को देखने आएंगे। अयोध्या को देश के सबसे पवित्र शहर के रूप में जाना जाएगा। ऐसा प्रतीत होता है कि माता सीता ने अपना श्राप वापस ले लिया है।
शापित शहर माना जाता रहा है अयोध्या
दरअसल, स्थानीय किंवदंती है कि अयोध्या एक शापित शहर उस समय से हो गया जब यहां से माता सीता को वनवास हुआ था। मान्यता है कि सीता ने नगर को शाप दिया था। कई लोगों का मानना है कि यह अभिशाप के कारण है कि शहर में कभी भी तीव्र गति से विकास नहीं हुआ।
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