आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को एमपी-एमएलए कोर्ट से मिली सजा के फैसले को चुनौती दी जाएगी। इसके लिए कोर्ट के फैसले की सत्यापित प्रतिलिपि का इंतजार हो रहा है।
मुरादाबाद: समाजवादी पार्टी के फायरब्रांड नेता आजम खां और उनके बेटे व स्वार विधायक अब्दुल्ला आजम को एमपी-एमएलए कोर्ट ने दोषी करार दिया है। वहीं इस मामले में 7 आरोपित एमपी-एमएलए कोर्ट से बरी हुए हैं। मामले में सिर्फ आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खां को ही दोषी करार देते हुए सजा दी गई है। इस बीच फैसले की कॉपी को लेने के लिए अधिवक्ता शहनवाज सिब्तेन पहुंचे। उनके द्वारा जानकारी दी गई कि 65 पेज में फैसला सुनाया गया है। इस मामले में सत्यापित प्रतिलिपि हासिल होने के बाद जल्द ही जिला एवं सत्र न्यायालय की कोर्ट में फैसले के खिलाफ अपील होगी। मामले में कोर्ट ने उन्हें 15 दिनों का समय दिया है।
7 लोगों के खिलाफ नहीं प्रस्तुत हो सके साक्ष्य
आपको बता दें कि पुलिस बरी हुए सात आरोपियों की घटनास्थल पर मौजूदगी को लेकर कोई भी साक्ष्य ही प्रस्तुत नहीं कर सकी। आरोपियों को सीडीआर रिपोर्ट, वाहन संख्या समेत कई अन्य साक्ष्य प्रस्तुत न करने का लाभ मिला। ज्ञात हो कि मामले में सभी 9 आरोपितों के चेहरों पर फैसला आने तक तनाव देखने को मिल रहा था। हालांकि कोर्ट ने जैसे ही 7 लोगों को बरी किया तो उनके चेहरे पर मुस्कान देखी गई। इस बीच कुछ लोगों ने आजम और अब्दुल्ला के पास आकर बातचीत की तो कुछ ने दूरी भी बनाई। इस बीच पूर्व विधायक हाजी इकराम कुरैशी भी कोर्ट में सपा नेताओं से दूर ही दिखाई दिए।
2008 का था मामला
आजम खां की गाड़ी 29 जनवरी 2008 को मुरादाबाद के कांठ रोड पर जा रही थी। इसी बीच मुरादाबाद के तत्कालीन एसपी प्रेम प्रकाश की कार भी वहां पास से ही गुजरी। आजम की गाड़ी को पुलिसकर्मियों ने वहां पर रुकने का इशारा किया। हालांकि उन्होंने कार नहीं रोकी। इसके बाद कांठ के छजलैट थाने पर उनकी गाड़ी को पुलिस द्वारा रोक लिया गया। आजम के साथ उनके बेटे अब्दुल्ला आजम भी थे। यहां सपा नेता पहुंचे और आजम के साथ धरने में शामिल हो गए। इस केस में पुलिस की ओऱ से ही प्राथमिकी दर्ज करवाई गई थी। 12 साल तक इस मामले में आजम कोर्ट में हाजिर ही नहीं हुए। इस बीच उनके खिलाफ वारंट, गैर जमानती वारंट और कुर्की वारंट भी जारी हुआ था।