
bareilly pakistani woman news: भारत में जन्म से नहीं, लेकिन हर साँस से जुड़ी एक महिला की कहानी इन दिनों उत्तर प्रदेश के बरेली में चर्चा का विषय बनी हुई है। नाम है फरहत सुल्ताना उर्फ फरीदा उम्र 63 साल। वह जब भारत आई थीं तब केवल आठ महीने की थीं, और अब जब वो बुज़ुर्ग हो चुकी हैं, उन्हें वापस पाकिस्तान भेजे जाने की तैयारी हो रही है। उनकी कहानी सिर्फ कागज़ी गलती नहीं, बल्कि उस जज़्बे की भी है जो किसी ज़मीन को अपना मान लेने का साहस रखता है।
फरहत का जन्म भले पाकिस्तान में हुआ हो, लेकिन उनका दावा है कि उन्हें पाकिस्तान की धरती की याद तक नहीं। वह बताती हैं, “मेरी आंख भारत में खुली, यहीं खेली, पढ़ी, शादी की और बच्चे भी यहीं हुए। अब जब मुझे जबरन वापस भेजने की बात हो रही है, तो दिल टूट जाता है।”
फरहत बताती हैं कि उन्होंने कोई फर्जी दस्तावेज़ नहीं बनवाए। जब आधार कार्ड का कैंप लगा, तो बाकी लोगों की तरह उन्होंने भी बनवाया। राशन कार्ड भी पहले पति के नाम पर था, जो बाद में महिला के नाम पर अनिवार्य हुआ तो उन्होंने अपडेट करवा लिया। अब उन पर आरोप है कि उन्होंने ये कागज़ात अवैध रूप से बनवाए हैं।
फरहत की ज़िंदगी इस समय एक कानूनी लड़ाई में उलझी हुई है। उनका वीज़ा 20 जुलाई को समाप्त हो रहा है और प्रशासन उन्हें पाकिस्तान भेजने की तैयारी में है। वह कहती हैं, “मेरे सात बच्चे हैं, एक बेटी की मौत हो चुकी है, बेटों की मजदूरी से घर चलता है। चार बेटियों की शादी बाकी है। मैं कहां जाऊं?”
फरहत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हाथ जोड़कर अपील की है कि उन्हें भारत की नागरिकता दी जाए। “मैं यहीं जीती आई हूं, मेरी पहचान यहीं की है। अगर आप मुझे यहां से भेजना चाहते हैं, तो भेजिए मत – यहीं दफना दीजिए। पाकिस्तान मेरा देश नहीं।” सरकार द्वारा चलाए जा रहे विशेष अभियान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और ‘ऑपरेशन खोज’ के तहत भारत में रह रहे विदेशी नागरिकों की जांच हो रही है। इसी दौरान फरहत के कागज़ों की जांच में सामने आया कि वह पाकिस्तान की नागरिक हैं और भारतीय नागरिकता नहीं ली है। पुलिस का कहना है कि वह लॉन्ग टर्म वीजा पर रह रही थीं और बिना अनुमति के भारतीय दस्तावेज़ बनवा लिए।
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