यूपी के प्रयागराज में हुई उमेश पाल हत्याकांड में एक और नया खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया है कि बरेली जेल में बंद अशरफ के रिश्तेदार ने पूरा नेटवर्क तैयार किया था। वहीं पूर्व मंत्री ने उस रिश्तेदार को शरण दी थी।
प्रयागराज: यूपी के प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड मामले में नया खुलासा किया है। पुलिस जांच में सामने आया है कि अशरफ के लिए जिले में किसी और ने नहीं बल्कि उसके एक रिश्तेदार ने यह पूरा नेटवर्क तैयार किया। वहीं अतीक और उसका भाई अशरफ तिहरे हत्याकांड में वाट्सएप कॉल के जरिए जुड़े थे। बताया जा रहा है कि अशरफ के बरेली जेल में शिफ्ट होने के दिन प्रयागराज निवासी रिश्तेदार भी बरेली आ गया। यहां पर उसे सपा के एक पूर्व मंत्री का संरक्षण मिला था। सपा के एक पूर्व मंत्री ने ही अशरफ के रिश्तेदार को बारादरी के फाइक एन्क्लेव में मजार के पास एक सेवानिवृत्त अफसर का मकान किराए पर दिलाया था। जिससे कि किसी को उस पर शक न हो।
पुलिस जुटा रही सबूत
पूर्व मंत्री का संरक्षण मिलने के बाद अशरफ के गुर्गे रिश्तेदार के इशारे पर पूरे प्लान को अंजाम देने में जुट गए। एसटीएफ की टीम ने बरेली पहुंचकर अशरफ से मिलने वालों की कुंडली खंगाल कर जांच शुरू की है। हालांकि इस मामले के खुलने के बाद अब पुलिस संबंधित मकान और व्यक्ति के बारे में जानकारी जुटाने में जुट गई है। बताया जा रहा है कि इस सब के पीछे अशरफ का सगा रिश्तेदार है। बरादरी में रहने के दौरान उसकी आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों से उसकी मेल मुलाकात हुई। जिसके बाद आरोपितों का गिरोह बढ़ता चला गया।
महापौर चुनाव पद के लिए कर रहा दावेदारी
प्राप्त जानकारी के अनुसार, अशरफ के रिश्तेदार ने करीब ढाई साल में बड़ी संख्या में टीम खड़ी कर दी। यह टीम रिश्तेदार के इशारे पर कुछ भी करने के लिए तैयार रहते हैं। वहीं रिश्तेदार पर किसी को शक न हो, इसके लिए वारदात के बाद भी अशरफ के गुर्गे प्रयागराज में सक्रिय रहे। जांच में सामने आया है कि अशरफ के रिश्तेदार के गुट में शामिल युवक वर्तमान में महापौर चुनाव पद के लिए दावेदारी भी कर रहा है। फिलहाल पुलिस ने उसके खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास और अन्य गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया है।