यूपी निकाय चुनाव को लेकर बसपा लगातार तैयारियों में जुटी हुई है। हालांकि इस बीच कयास लगाए जा रहे हैं कि मायावती निकाय चुनाव में प्रचार से दूर रहेंगी। यह चुनाव विश्वनाथ पाल के लिए परीक्षा होगी।
लखनऊ: निकाय चुनाव में बसपा प्रमुख चुनाव प्रचार अभियान से दूरी ही बनाकर रखेंगी। माना जा रहा है कि वह किसी भी जिले में रैली नहीं करेंगी। चुनाव की पूरी जिम्मेदारी प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल और कोऑर्डिनेटरों पर ही रहेगी। आपको बता दें कि यूपी निकाय चुनाव बसपा के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है। माना जा रहा है यह चुनाव ही लोकसभा चुनाव को लेकर बीएसपी का भविष्य भी तय करेगा।
मायावती वॉर रूम से करेंगी मॉनीटरिंग
यूपी निकाय चुनाव को लेकर पहले चरण के नामांकन हो चुके हैं और दूसरे चरण के नामांकन जारी हैं। निकाय चुनाव को लेकर बसपा की ओर से पहले चरण में जो प्रत्याशी उतारे गए उसमें 60 फीसदी मुस्लिम प्रत्याशी हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि बसपा दलित-मुस्लिम समीकरण के सहारे ही चुनाव में जीत की पताका फहराना चाहती हैं। वहीं इस बीच पार्टी की ओर से प्रचारक भी तय किए जाने शुरू कर दिए गए हैं। रिपोर्टस के अनुसार बसपा सुप्रीमो मायावती चुनाव में सिर्फ मार्गदर्शन ही करेंगी। यह मॉनिटरिंग अपने यहां वार रूम बनाकर की जाएगी।
प्रदेश अध्यक्ष के लिए होगी परीक्षा की घड़ी
वहीं राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा के भी किसी भी रैली में शामिल होने को लेकर बहुत कम कयास ही लगाए जा रहे हैं। उनके द्वारा विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश भर में सम्मेलन किए गए थे, हालांकि कोई अपेक्षित परिणाम हासिल नहीं हुआ था। जिसके बाद बसपा निकाय चुनाव में कोऑर्डिनेटरों के सहारे ही चुनाव प्रचार को करने की तैयारी में है। माना जा रहा है कि यह चुनाव प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल के लिए चुनौतियों से भरा होगा। लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर चल रही रिहर्सल में निकाय चुनाव का परिणाम काफी अहम साबित होगा। चुनाव में नगर निगमों पर विशेष फोकस किया जा रहा है। बसपा के कार्यकर्ताओं में भी चुनाव को लेकर उत्साह देखा जा रहा है।
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