
अलीगढ़ | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम का दुरुपयोग कर कोई संस्था कैसे बनाई जा सकती है? यह सवाल तब उठा जब केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने अलीगढ़ के एक व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया। आरोप है कि उसने प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर “फर्जी रिसर्च सेंटर” बनाकर न सिर्फ लोगों को भ्रमित किया, बल्कि सरकारी नियमों की भी खुली अवहेलना की।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने उत्तर प्रदेश के जासिम मोहम्मद नामक व्यक्ति के खिलाफ प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की है। रिपोर्ट के मुताबिक, 24 अक्टूबर को Emblems and Names (Prevention of Improper Use) Act के तहत केस दर्ज किया गया। यह कार्रवाई पीएमओ की सिफारिश पर की गई, जब यह पाया गया कि आरोपी बिना अनुमति के “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी” के नाम से संस्थान चला रहा था।
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CBI की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि जासिम मोहम्मद ने ‘Centre for Narendra Modi Studies’ या ‘NaMo Kendra’ नाम से एक संस्था बनाई थी। यह संगठन 25 जनवरी 2021 को Indian Trust Act, 1860 के तहत रजिस्टर किया गया था लेकिन इसके लिए न तो केंद्र सरकार और न ही पीएमओ से कोई अनुमति ली गई थी। संस्थान की वेबसाइट पर इसे एक “स्वतंत्र वैश्विक शोध केंद्र” बताया गया था, जहाँ कथित रूप से “देश के बौद्धिक, सामाजिक सुधारक और विचारक मिलकर भारत को वैश्विक शक्ति बनाने की रणनीति तैयार करते हैं।”
CBI को पता चला कि यह केंद्र प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों और विचारधारा पर शोध करने का दावा करता था। संस्थान के नाम पर कई किताबें प्रकाशित की गईं, जिनमें सबसे प्रमुख थी “Narendra Modi: An Ideology”, जिसे जासिम मोहम्मद ने खुद लिखा बताया। किताब के कवर पर यह दावा किया गया कि उसका Foreword (भूमिका) डॉ. किरण बेदी (IPS Retd.) ने लिखा है। हालांकि, मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इसकी कोई स्वतंत्र पुष्टि नहीं हो सकी।
इसी तरह संस्थान की ओर से चार भागों वाली श्रृंखला “Narendra Modi: International Relations” भी प्रकाशित बताई गई, जिसमें ‘Harbinger of Change’, ‘Heralding a New World Order’, ‘A New Awakening’ और ‘Towards All-around Happiness’ जैसी किताबें शामिल थीं।
सितंबर में, NaMo Kendra की कार्यकारी समिति ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक औपचारिक पत्र लिखा था, जिसमें दिवंगत उद्योगपति रतन टाटाको मरणोपरांत भारत रत्न देने की मांग की गई थी।जासिम ने बयान जारी कर कहा था कि “रतन टाटा एक दूरदर्शी और करुणाशील उद्योगपति थे जिनका जीवन देश-निर्माण का उदाहरण है।”
CBI अब यह जांच कर रही है कि जासिम मोहम्मद ने इस तथाकथित “NaMo Kendra” से कितना आर्थिक लाभ उठाया, और क्या उसने लोगों या संगठनों को गुमराह किया।अधिकारियों के मुताबिक, जांच में यह भी देखा जाएगा कि कहीं इस संस्था के ज़रिए राजनीतिक या आर्थिक लाभ उठाने की कोशिश तो नहीं की गई।
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